विषाक्त हवा के संपर्क में आने से डिप्रेशन के मामले बढ़ रहे हैं। वायु प्रदूषण के बीच रह रहे लोगों में डिप्रेशन और आत्महत्या की संख्या बहुत अधिक है, हाल ही में आए आंकड़ों में इस बात का खुलासा हुआ है।
वायु प्रदूषण को कम करके आप लगभग 15% डिप्रेशन को रोक सकते हैं। डिप्रेशन एक बहुत ही सामान्य बीमारी है और लगातार बढ़ती जा रही है। WHO के अनुसार, 264 मिलियन से अधिक लोग डिप्रेशन का शिकार हैं।
हम जानते हैं कि खराब हवा में मौजूद कण रक्तप्रवाह और नाक दोनों के माध्यम से मस्तिष्क तक पहुंच सकते हैं और मस्तिष्क में सूजन, तंत्रिका कोशिकाओं को नुकसान और तनाव हार्मोन उत्पादन को बढ़ा सकते हैं, जो खराब मानसिक स्वास्थ्य से जुड़ा हुआ है।
इस शोध ने दावा किया कि मानसिक विकारों वाले लोगों में अत्यधिक उच्च मृत्यु दर और किशोरों में डिप्रेशन होने का प्रमुख कारण वायु प्रदूषण भी है। 2019 में एक व्यापक वैश्विक समीक्षा ने निष्कर्ष निकाला था कि वायु प्रदूषण मानव शरीर में हर अंग और प्रत्येक कोशिका को नुकसान पहुंचा सकता है।
हम सबको वायु प्रदूषण में अपने योगदान को कम करने की आवश्यकता है, चाहे वह पैदल चलना हो या साइकिल चलाना हो।”