ब्रह्मोस मिसाइल का सोमवार सुबह 10:20 बजे बालेश्वर जिला के चांदीपुर के अंतरिम परीक्षण परिषद से (आईटीआर) के एलसी-3 से परीक्षण किया गया। यह मिसाइल 290 किमी. तक प्रहार करने की ताकत रखती है। स्वदेशी ब्रह्मोस मिसाइल सबसे तेज सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल है। सूत्रों की माने तो ब्रह्मोस क्रूज मिसाइल को भारतीय वायुसेना के सुखोई 30 विमान से परीक्षण किए जाने के बाद लड़ाकू विमानों पर लम्बी दूरी की मिसाइलों को एकीकृत करने वाला भारत दुनिया का एकमात्र देश है।
रक्षासूत्रों की माने तो ब्रह्मोस सेना, नौ सेना और वायु सेना की पसंदीदा मिसाइल है। 90 डिग्री के संस्करण लक्ष्य को भेदने वाला यह एक महत्वपूर्ण विमान वाहक है। ब्रह्मोस एरोस्पेश भारत और रूस के स्वामित्व वाला एक संयुक्त उपक्रम है। इस मिसाइल का निर्माण भारत में किया जाता है। आज इस मिसाइल के परीक्षण के मौके पर रक्षा अनुसंधान व विकास संगठन (डीआरडीओ) तथा अंतरिम परीक्षण परिषद (आईटीआर) से जुड़े वरिष्ठ अधिकारी व वैज्ञानिकों को दाल मौके पर मौजूद था। भारत एवं पाकिस्तान के बीच चल रही रसाकस्सी के बीच आज एक बार फिर भारत ने कम दूरी तक मार करने वाली वंशी मिसाइल का सफल परीक्षण किया गया। हवा से हवा में मार करने वाली वंशी मिसाइल से अस्त्र मिसाइल को टारगेट किया गया था, जिसमें वैज्ञानिकों को सफलता मिली है।
16 सितम्बर को कलेईकुण्डा एयरबेस से सुखोई 30 एमकेआई लड़ाकू विमान से अस्त्र का व्यवहारिक परीक्षण किया गया था, जो कि पूरी तरह से सफल रहा। 3.8 मीटर लम्बी एवं 178 सेंटीमीटर मोटा यह क्षेपणास्त्र अपने साथ 154 किलोग्राम युद्धास्त्र ले जाने में सक्षम है। यह तरल इंधन से संचालित होता है। यह भारत की सबसे छोटी मिसाइल है। इसका कम एवं मध्यम दूरी के मिसाइल के रूप में प्रयोग किया जाता है। यह 20 किमी. से 110 किमी. तक लक्ष्य भेद करने में सक्षम है। इसे भारतीय प्रतिरक्षा अनुषंधान प्रतिष्ठान ने तैयार किया है।