देश की टॉप-20 स्मार्ट सिटीज को सबसे पिछड़े 20 शहरों को स्मार्ट बनाने में मदद करने का जिम्मा सौंपा गया है। इन्हें सिस्टर सिटी नाम दिया गया है। सिस्टर सिटी को 100 दिन में अपने प्रदर्शन में सुधार लाने का चैलेंज दिया गया है। सिस्टर सिटी की जोड़ियां बनाने में उनकी समान विशेषताओं का ध्यान रखा गया है। किसी एक प्रदेश की राजधानी काे किसी दूसरे राज्य की राजधानी से जोड़ा गया है। पहाड़ी शहर को दूसरे राज्य के किसी पहाड़ी शहर, तटीय शहर को तटीय शहर, औद्योगिक शहर को औद्योगिक शहर से जोड़ा गया है। इसी तरह शिक्षा-स्वास्थ्य और धार्मिक पर्यटन के लिए मशहूर शहरों को भी वैसे ही शहरों के साथ जोड़ा गया है। वाराणसी को अमृतसर, नासिक को जम्मू, आगरा को पुड्डुचेरी, कोटा को पासीघाट, वैल्लोर को कवरत्ती, भोपाल को आइजॉल, इंदौर को गुवाहाटी, उदयपुर को ईटानगर, सूरत को सहारनपुर, अहमदाबाद को चंडीगढ़, रांची को शिमला, नागपुर को पोर्ट ब्लेयर, वडोदरा को मुरादाबाद, पुणे को धर्मशाला, अमरावती को अटल नगर, देहरादून को शिलॉन्ग के साथ सिस्टर सिटी बनाया गया है। अगले हफ्ते दोनों सिस्टर सिटी के CEO और नेशनल मिशन डायरेक्टर के बीच MOU होंगे। टॉप-20 स्मार्ट शहर अपने यहां लागू स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट्स के अमल और उसे पूरा करने की प्रक्रिया का सिस्टर सिटी के सामने प्रेजेंटेशन देंगे। वे पिछड़े शहर की समस्याओं के समाधान के लिए अपने प्रोजेक्ट्स की डीपीआर, फिजिबिलिटी रिपोर्ट, इम्पैक्ट असेसमेंट रिपोर्ट साझा करेंगे। इस योजना में 100 दिन पूरे होने के बाद सिस्टर सिटी की सूची को बदला भी जा सकता है। सरकार ने 2015 में देश के 100 शहरों को स्मार्ट शहरों के रूप में विकसित करने की योजना लॉन्च की थी।
