सुप्रीम कोर्ट ने निर्भया गैंगरेप और हत्या के 4 दोषियों में एक अक्षय ठाकुर की फांसी पर रोक लगाने की मांग वाली याचिका खारिज कर दी। अक्षय के वकील AP SINGH ने दलीलों के जरिए अपने मुवक्किल को फांसी से बचाने की भरपूर कोशिश की। उन्होंने पुनर्विचार याचिका पर सुनवाई के दौरान आधे घंटे तक दी गईं अपनी दलीलों में सतयुग, त्रेता से लेकर दिल्ली प्रदूषण तक का हवाला दिया, लेकिन उनकी ये दलीलें जस्टिस आर. भानुमति, जस्टिस अशोक भूषण और जस्टिस ए एस बोपन्ना की बेंच को संतुष्ट नहीं कर पाईं। सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने इन दलीलों में कुछ भी नया तथ्य पेश नहीं किए जाने के आधार पर अपील खारिज कर दी।
गौरतलब है कि 16 दिसंबर, 2012 को राजधानी दिल्ली में गैंगरेप और हत्या की घटना से पूरा देश दहल गया था। दिल्ली के साकेत कोर्ट ने मुकेश, पवन, विनय और अक्षय को दोषी पाया। तब तक एक अन्य आरोपी रामसिंह ने तिहाड़ जेल में फांसी लगाकर जान दे दी थी। एक अन्य आरोपी को नाबालिग होने का फायदा मिला और वह तीन साल की सजा काटकर छूट गया।