Russia-Ukraine War: यूएस स्टेट डिपार्टमेंट (विदेश मंत्रालय) के प्रवक्ता नेड प्राइस ने कहा, “जब साझा हितों की बात आती है, तो हम भारत के भागीदार हैं… लेकिन अब हालात कुछ अलग हैं. अब अमेरिका भारत के लिए पसंद का साथी है.”
यूक्रेन पर रूस के हमले (Russia-Ukraine War) लगातार जारी हैं. जहां अमेरिका समेत तमाम देशों ने रूस पर इस हमले को लेकर कई तरह के कड़े प्रतिबंध लगाए हैं. वहीं, भारत अभी तक इस मामले में तटस्थ रहा है. ऐसे में अमेरिका ने अपनी नाराजगी जताई है. भारत के साथ अमेरिका (India-America Relation) के संबधों को लेकर यूएस स्टेट डिपार्टमेंट के प्रवक्ता नेड प्राइस (Ned Price) ने बड़ा बयान दिया है. नेड प्राइस ने कहा कि अमेरिका अब भारत के लिए पसंद का सहयोगी (चुनिंदा मुद्दों का भागीदार) है.
इससे पहले अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने रूस के खिलाफ भारत के रुख को लेकर सख्त टिप्पणी की थी. बाइडन ने कहा कि भारत अमेरिका के प्रमुख साथियों में अपवाद स्वरूप है. यूक्रेन पर हमला करने वाले रूस को दंडित करने के लिए पश्चिमी देशों ने प्रतिबंध लगाए हैं, लेकिन भारत इस मामले में कुछ हद तक अस्थिर रहा है. बाइडन ने कहा कि क्वाड में जापान और ऑस्ट्रेलिया पुतिन के आक्रमणकारी रवैये के खिलाफ काफी सख्त रहे हैं. मगर भारत एक अपवाद है जिसका इस मामले में रुख कुछ हद तक ढुलमुल रहा है.
दरअसल, यूक्रेन पर हमला करने के बाद से रूस के खिलाफ अमेरिका सहित तमाम पश्चिमी देशों कई सख्त कदम उठाए और आर्थिक प्रतिबंध लगाए हैं. तमाम बड़ी कंपनियों ने रूस में अपना बिजनेस बंद कर दिया है. यूएन में भी इन देशों ने रूस को घेरने की कोशिश की और उसके खिलाफ वोट तक किया, लेकिन भारत ने इस मामले में तटस्थता की नीति अपनाई है.
यूएस बिजनेस लीडर्स की बैठक को संबोधित करते हुए बाइडन ने कहा कि भारत का रूस के खिलाफ रवैया ढुलमुल रहा है. वहीं नाटो इससे पहले कभी भी इतना ताकतवार और एकजुट नहीं था, जितना आज है. जो बाइडन ने कहा कि रूस के राषट्रपति व्लादिमीर पुतिन को इस बात का अंदाजा नहीं रहा होगा कि यूक्रेन के खिलाफ आक्रम के बाद नाटो और पश्चिमी देश एक साथ आ जाएंगे. गौर करने वाली बात है कि भारत ने रूस से सस्ते दाम पर तेल खरीदना जारी रखा है, जबकि पश्चिमी देशों ने रूस से खुद को अलग कर लिया है.