Lok Sabha Chunav: ममता पर कांग्रेस में तकरार ! खड़गे ने खींच दी लकीर, क्या बाहर चले जाएंगे अधीर?

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और टीएमसी सुप्रीमो ममता बनर्जी को लेकर कांग्रेस में रार दिखने लगी है. दरअसल कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने बंगाल कांग्रेस के प्रमुख अधीर रंजन चौधरी के सामने ममता बनर्जी के मुद्दे पर मर्यादा की लकीर खींच दी. हालांकि ममता के मुखर विरोधी रहे अधीर फिर भी नहीं माने और अब बगावती तेवर तक दिखाने लगे हैं.

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और टीएमसी सुप्रीमो ममता बनर्जी को लेकर कांग्रेस में रार दिखने लगी है. दरअसल कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने बंगाल कांग्रेस के प्रमुख अधीर रंजन चौधरी के सामने ममता बनर्जी के मुद्दे पर मर्यादा की लकीर खींच दी. हालांकि ममता के मुखर विरोधी रहे अधीर फिर भी नहीं माने और अब बगावती तेवर तक दिखाने लगे हैं.

दरअसल कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष खड़गे शनिवार को मुंबई में मीडियाकर्मियों से बातचीत कर रहे थे, तभी किसी पत्रकारों ने उनसे ममता बनर्जी को लेकर सवाल कर दिया. इस पर खड़गे ने साफ किया कि ‘ममता जी इंडिया (I.N.D.I.A.) गठबंधन का हिस्सा हैं.’

‘फैसला करने वाले अधीर कौन?’

वहीं जब उनसे पूछा गया कि टीएमसी को लेकर बंगाल कांग्रेस के प्रमुख अधीर के बयान कांग्रेस नेतृत्व के इस रुख से मेल नहीं खाते हैं, तो खड़गे ने कहा, ‘वह (चौधरी) फैसला करने वाले नहीं हैं. हम फैसला करने के लिए हैं, कांग्रेस फैसला करेगी, यहां आलाकमान है. इसलिए, हम जो भी तय करेंगे वही सही होगा. हम जो भी तय करेंगे उसका पालन करना होगा और अगर कोई इसका पालन नहीं करता है, तो उसे बाहर जाना होगा.’

अधीर ने दिखाए बगावती तेवर

खड़गे की इस शख्त चेतावनी के बावजूद अधीर रंजन चौधरी के रुख में कोई नरमी आने की बजाय वह बगावती होते दिखे. कांग्रेस अध्यक्ष के इस बयान को लेकर जब अधीर से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि वह ‘बंगाल में कांग्रेस को बरबाद करने वाले किसी भी व्यक्ति के साथ सहानुभूति नहीं रख सकते’. अधीर चौधरी ने पत्रकारों से कहा, ‘मैं पार्टी के एक सिपाही के रूप में इस लड़ाई को नहीं रोक सकता. (टीएमसी के खिलाफ) मेरी लड़ाई एक वैचारिक लड़ाई है. यह कोई निजी लड़ाई नहीं है. बंगाल में हम पार्टी को बचाने की कोशिश कर रहे हैं. बीजेपी और टीएमसी दोनों एक साथ हैं. वे बंगाल में एक-दूसरे के साथ मिलकर राज्य में चुनाव को दो पार्टियों वाला बनाना चाहते हैं.’

इससे पहले अधीर रंजन चौधरी ने ममता बनर्जी के उस बयान पर सख्त प्रतिक्रिया दी थी, जिसमें टीएमसी सुप्रीमो ने कहा था कि ‘अगर इंडिया गठबंधन की सरकार बनती है तो टीएमसी बाहर से समर्थन देगी.’ इस पर अधीर ने शुक्रवार को कहा था, ‘मुझे उन पर भरोसा नहीं है. वह इंडिया गुट से अलग हैं. अब वह हमारे साथ मिलने की कोशिश कर रही हैं, क्योंकि उन्हें एहसास है कि हम राष्ट्रीय स्तर पर मजबूत हो रहे हैं.’

‘ममता के लिए इंडिया ब्लॉक का दरवाजा खुला’

वहीं जब खड़गे से ममता बनर्जी के उस बयान पर राय मांगी गई तो उन्होंने कहा, ‘ममता जी ने पहले कहा था कि वह बाहर से समर्थन देंगी. अतीत में भी इसी तरह की मिसालें हैं. 2004 में यूपीए सरकार को कम्युनिस्टों ने भी बाहर से समर्थन दिया था, लेकिन उसके बाद ममता जी ने यह भी कहा कि वह इंडिया सरकार का हिस्सा होंगी, इससे यह साफ है कि वह गठबंधन के साथ हैं.’

ममता बनर्जी को लेकर अधीर रंजन के बयानों और फिर मल्लिकार्जुन खड़गे की इस चेतावनी ने एक बार फिर बंगाल में सियासी अटकलों का बाजार गर्म कर दिया है. राजनीतिय पर्यवेक्षकों का कहना है कि तृणमूल कांग्रेस को लेकर कांग्रेस के भीतर ताजा आंतरिक मतभेद आने वाले दिनों में पश्चिम बंगाल में राजनीतिक हलचल बढ़ा सकते हैं

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