क्रूर पूंजीवाद के स्वर्ण युग में प्रवेश कर रहा है भारत
इस दौर को भारत में क्रूर पूंजीवाद का स्वर्णिम युग कहा जाए तो कोई अतिशयक्ति नहीं होगी। जिस प्रकार सरकार सत्ता के ढांचे का कारपोरेटीकरण करती जा रही है उससे अब इस आशंका को बल मिलने लगा है की सरकार देश के संसाधनों का उपयोग समाज या राष्ट्र के लिए नहीं अपितु कुछ कारपोरेट घरानों …
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