बिहार में 75 फीसदी आरक्षण लागू, सरकार ने जारी किया नोटिफिकेशन

बिहार में आरक्षण की बढ़ी हुई सीमा लागू कर दी गई है. राज्यपाल की मुहर लगने के बाद मंगलवार को नीतीश सरकार ने इसका नोटिफिकेशन भी जारी कर दिया. इसके अलावा एक उच्चस्तरीय बैठक में कई अहम निर्णय लिए गए, इसमें गरीबों को 2 लाख रुपये सहायता राशि देने का भी प्रावधान शामिल है.

बिहार में आरक्षण अधिनियम के नए प्रावधानों को लागू कर दिया गया है. मंगलवार को आरक्षण संशोधन विधेयक को राज्यपाल की मंजूरी मिलते ही सरकार ने इसका नोटिफिकेशन जारी कर दिया है. इसके अलावा सरकार ने सभी सरकारी विभागों में आरक्षण (संशोधन) अधिनियम-2023 के प्रावधानों को लागू करने के आदेश भी जारी कर दिया गया है. इसके लिए मंगलवार को बिहार सीएम नीतीश कुमार ने अधिकारियों की एक उच्चस्तरीय बैठक भी बुलाई थी.

बिहार में सभी दलों की सहमति से जाति आधारित गणना कराई गई थी. इसकी रिपोर्ट आने के बाद बिहार विधानसभा और बिहार विधानपरिषद में आरक्षण की सीमा को बढ़ाकर 75 प्रतिशत किए जाने का प्रस्ताव दिया गया. दोनों सदनों में ये विधेयक पास होने के बाद इस पर राज्यपाल ने भी मुहर लगा दी और इसका गजट प्रकाशित कर दिया गया. अब सभी विभागों को आरक्षण अधिनियम के संशोधित प्रावधानों को लागू करने के निर्देश जारी कर दिए गए हैं.

हर गरीब परिबार को मिलेंगे दो लाख रुपये

जाति आधारित गणना में लोगों की आर्थिक स्थिति का भी आकलन कराया गया. इस आधार पर तय किया गया कि बिहार में प्रत्येक गरीब परिवार को दो लाख रुपये की सहायता राशि उपलब्ध कराई जाएगी. भूमिहीन परिवारों को मकान बनाने के लिए जमीन खरीदने के लिए एक लाख रुपये की मदद दी जाएगी. इसके अलावा सतत् जीविकोपार्जन योजना के तहत प्रत्येक लाभार्थी को 2 लाख रुपये तक का लाभ दिया जाएगा.

शहरों में भी होगा स्वयं सहायता समूहों का गठन

अब शहरों में भी स्वयं सहायता समूहों का गठन किया जाएगा. उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक में बताया गया कि राज्य में अब तक 1 करोड़ 30 लाख जीविका दीदियां स्वयं सहायता समूह से जुड़ चुकी हैं, अब 1 करोड़ 50 लाख जीविका दीदियों को स्वयं सहायता समूह से जोड़ने का लक्ष्य रखा गया है. बैठक में सीएम के प्रधान सचिव श्री दीपक कुमार, मुख्य सचिव श्री आमिर सुबहानी, पुलिस महानिदेशक श्री आर०एस० भट्टी आदि मौजूट रहे

नीतीश कुमार ने 7 नवंबर को किया था ऐलान

बिहार सीएम नीतीश कुमार ने 7 नवंबर को बिहार में आरक्षण का दायरा बढ़ाने का ऐलान किया था. इसके तहत बिहार में आरक्षण की सीमा को 60 फीसदी से बढ़ाकर 75 फीसदी करने का प्रस्ताव दिया गया था. इसके तुरंत बाद ही नीतीश कैबिनेट ने इस पर मुहर लगाकर 9 नवंबर को इसे दोनों सदनों में पास करा लिया था.

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