देशभर में Lockdown से लोगों को पहले की अपेक्षा कुछ राहत दी गई है। वहीं ICMR ने बीते दो महीने में सबसे ज्यादा फोकस टेस्टिंग कैपेसिटी बढ़ाने पर किया है। आज 681 लैब देशभर में सैंपल टेस्टिंग कर रही हैं।
ICMR से निवेदिता गुप्ता ने बताया कि हमने टेस्टिंग की क्षमता काफी बढ़ाई है। इंडियन टेस्टिंग किट्स काफी संख्या में हैं। हमने शुरू में ग्लोबल क्राइसिस फेस किया था लेकिन अब दिक्कत नहीं है। ICMR का कहना है कि हम पीक से अभी बहुत दूर हैं, प्रिवेंटिव मेजर ले रहे हैं। आपको एक सप्ताह में इसका असर दिख जाएगा।
वहीं स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने बताया कि जब केसेस बढ़ते हैं, तब इंतजाम करना पड़ता है। ये स्टेट के ऊपर निर्भर करता है कि वो क्या फैसले ले। Remedisiver दवा के इस्तेमाल पर लव अग्रवाल ने बताया कि इमरजेंसी यूज के लिए इसकी परमीशन दी गई है।
लव ने बताया कि 15 अप्रैल को रिकवरी रेट 11.42 फीसदी था और मृत्यु दर 3.30 फीसदी थी। 3 मई को रिकवरी रेट 26.59 फीसदी था और मृत्यु दर 3.25 फीसदी थी। 18 मई को रिकवरी रेट 38.29 फीसदी था और मृत्यु दर 3.15 फीसदी थी। वहीं 2 जून को रिकवरी रेट 48.07 फीसदी है और मृत्यु दर 2.82 फीसदी है।
आंकड़ों के अनुसार 60 से 74 साल की उम्र के लोगों की मौत का प्रतिशत 38 है। 75 साल से ऊपर की उम्र के लोगों की मौत का प्रतिशत 12 है। 73 फीसदी मौतें ऐसी हुई हैं जिनमें मरीज को बाकी रोग भी थे। 27 फीसदी मौतें ऐसी हुई हैं जिनमें मरीज को बाकी कोई रोग नहीं था।
मंत्रालय के अनुसार Corona से बड़ी उम्र के लोग भी काफी संख्या में रिकवर हो रहे हैं। आयुष मंत्रालय से सुझाए गए इम्यूनिटी बूस्टिंग पर काम करने की जरूरत है। जो भी हाई रिस्क वाले लोग हैं, वो ज्यादा सतर्कता बरतें। रिकवरी रेट में काफी बढोत्तरी हो रही है।
मंत्रालय के अनुसार हम कहते हैं कि हमारा देश सातवें नम्बर हैं जो गलत कम्पैरिजन है। हमारे देश की आबादी काफी है। और ये तुलना आबादी के हिसाब से करें। 14 देश जिनकी आबादी हमारे देश के बराबर है वहां हमसे 22.5 गुना ज्यादा मामले हैं और वहां मरने वालों की तादाद 55.2 गुना ज्यादा है। Remedisiver दवा के इमरजेंसी यूज के लिए परमीशन दी गई है। डेथ को लेकर कोई अंडर रिपोर्टिंग नहीं हो रही है।
ICMR से निवेदिता गुप्ता ने बताया कि Sero सर्वे की रिपोर्ट हफ्ते में आ जाएगी। टेस्टिंग की क्षमता को हमने काफी बढ़ाया है। इंडियन टेस्टिंग किट्स काफी संख्या में हैं। हमने शुरू में ग्लोबल क्राइसिस फेस किया था लेकिन अब दिक्कत नहीं है।