2000 Rupee Note: 2000 रुपए के 97.50% नोट हुए वापस, 8897 करोड़ रुपए आना बाकी, RBI ने किया खुलासा

RBI on 2000 Rupee Note: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने बताया कि 2000 रुपए के 97.50 प्रतिशत नोट वापस आ गए हैं। जबकि 8897 करोड़ रुपए के 2000 रुपए के बैंक नोट अभी भी प्रचलन में है। उसे आना बाकी है।

RBI on Exchange Rs 2000 Notes: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने एक फरवरी को घोषणा की कि 31 जनवरी 2024 तक 2,000 रुपए के करीब 97.50 प्रतिशत नोट वापस आ गए हैं। जबकि अर्थव्यवस्था में अभी भी 8897 करोड़ रुपए के 2000 रुपए के बैंकनोट प्रचलन में है। उसे वापस आना बाकी है। साथ ही RBI उल्लेख किया गया है कि 2000 रुपए के बैंक नोट वैध करेंसी बने रहेंगे। RBI ने एक रिलीज में कहा कि 31 जनवरी 2024 तक प्रचलन में 2000 रुपए के बैंक नोटों का कुल मूल्य 19 मई 2023 को कारोबार की समाप्ति पर बताए गए 3.56 लाख करोड़ रुपए से घटकर 8,897 करोड़ रुपए हो गया है। जब बैंक नोटों को बंद करने का निर्णय लिया गया तो प्रचलन में 2000 रुपए के बैंक नोटों का सर्कुलेशन मूल्य 3.56 लाख करोड़ रुपए था।

7 अक्टूबर 2023 तक बैंकों में जमा करने की थी आखिरी तारीख

प्रारंभ में जनता और विभिन्न संस्थाओं को 30 सितंबर तक अपने 2000 रुपए के बैंक नोटों को बदलने या बैंक खातों में जमा करने का निर्देश दिया गया था। जिसे बाद में 7 अक्टूबर 2023 तक बढ़ा दिया गया था। 7 अक्टूबर को बैंक शाखाओं में जमा और विनिमय सेवाओं को बंद करने के बाद आरबीआई ने व्यक्तियों को मुद्रा बदलने या देश भर के 19 आरबीआई कार्यालयों में से किसी में भी अपने बैंक खाते में 2000 रुपए जमा करने का विकल्प प्रदान किया।

यहां जमा या बदल सकते हैं 2000 रुपए के नोट

प्रचलन में 2000 रुपए के बैंक नोटों का कुल मूल्य निकासी की घोषणा के दिन 3.56 लाख करोड़ रूपए से घटकर दिसंबर 2023 के अंत तक 9330 करोड़ रुपए हो गया। आरबीआई ने जनता के लिए रुपए जमा करने या बदलने की प्रक्रिया को सुविधाजनक बनाया है। अहमदाबाद, बेंगलुरु, बेलापुर, भोपाल, भुवनेश्वर, चंडीगढ़, चेन्नई, गुवाहाटी, हैदराबाद, जयपुर, जम्मू, कानपुर, कोलकाता, लखनऊ, मुंबई, नागपुर, नई दिल्ली, पटना और तिरुवनंतपुरम में स्थित आरबीआई के कार्यालयों में 2,000 बैंक नोट जमा कर सकते हैं।

नवंबर 2016 में हुई थी नोटबंदी

गौर हो कि 2000 रुपए के बैंक नोटों को शुरुआत में नवंबर 2016 में तत्कालीन 1000 रुपए और 500 रुपए के बैंक नोटों के विमुद्रीकरण के बाद पेश किया गया था। 2000 रुपए के बैंक नोटों को वापस लेने का निर्णय आरबीआई की स्वच्छ नोट नीति का हिस्सा था। जिसका उद्देश्य आम तौर पर लेनदेन के लिए उपयोग नहीं किए जाने वाले बैंक नोटों को चरणबद्ध तरीके से समाप्त करना और जनता की मुद्रा आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए अन्य मूल्यवर्ग के बैंक नोटों का पर्याप्त स्टॉक सुनिश्चित करना था। 2000 रुपए मूल्यवर्ग के बैंकनोट को मूल रूप से नवंबर 2016 में 500 रुपए और 1000 रुपए की नोटबंदी के बाद पेश किया गया था। जिसका लक्ष्य अर्थव्यवस्था की मुद्रा जरूरतों को जल्दी से पूरा करना था। हालांकि एक बार जब अन्य नोट आसानी से उपलब्ध हो गए तो 2018-19 में 2000 रुपए के बैंक नोटों की छपाई बंद हो गई।

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