किसान आंदोलन अब पूरी तरह से सियासी बन चुका है. यूपी चुनाव में बहुत ज्यादा वक्त नहीं बचा है और अब किसान नेता राकेश टिकैत, योगी सरकार के खिलाफ यूपी में मोर्चा खोल चुके हैं.
किसानों के बहाने टिकैत, योगी को ऐसे चक्रव्यूह में घेरने की कोशिश कर रहे हैं, ताकि योगी को यूपी चुनाव में तगड़ा नुकसान हो. टिकैत, बीजेपी को धमकी देते हुए कह चुके हैं कि जो हाल किसान आंदोलन में दिल्ली का हुआ है. वहीं हाल अब लखनऊ का होगा. उन्होंने कहा था कि दिल्ली जैसे हालात लखनऊ के हो जाएंगे.
राकेश टिकैत को अच्छी तरह से पता है कि पश्चिम उत्तर-प्रदेश के किसानों को योगी सरकार के खिलाफ उतारा जा सकता है. जिससे योगी को यूपी चुनाव 2022 में काफी नुकसान पहुंचाया जा सकता है, लेकिन टिकैत के इसी सियासी चक्रव्यूह के खिलाफ बीजेपी ने यूपी में अगस्त क्रांति का प्लान बनाया है.
जिसके जरिए आगामी चुनाव में टिकैत फैक्टर को बीजेपी खत्म करने की कोशिश करेगी. बीजेपी के इस प्लान के तहत 22 से 25 अगस्त के बीच राजधानी लखनऊ में बीजेपी की तरफ से किसान पंचायत करने का बड़ा ऐलान किया गया है. किसान पंचायत और किसान चौपाल के जरिए बीजेपी बताएगी योगी सरकार की तरफ से किये गये काम,पश्चिमी उत्तर प्रदेश के किसानों को किस तरह से फायदा पहुंचा रहे हैं.
केंद्रीय राज्य मंत्री कौशल किशोर ने कहा है कि ‘राकेश टिकैत कह चुके है कि वो बीजेपी के विरोध में नहीं है, हम 22 से 25 अगस्त के बीच किसान पंचायत और किसान चौपाल लगाएंगे.’
बीजेपी अच्छी तरह से जानती है कि टिकैत की यूपी सियासत के पीछे, कई सियासी पार्टियों का हाथ है. समाजवादी पार्टी से टिकैत की नजदीकियों पर बीजेपी की कड़ी नजर है, जो टिकैत के किसान आंदोलन को हर तरह से समर्थन दे रही है.
वहीं समाजवादी पार्टी के नेता सुनील यादव ने इस मसले पर टिप्पणी करते हुए कहा है कि ‘अगर काले कानून वापस नहीं हुए तो किसान ने सरकार बनाई है और किसान सरकार हटा देगी. अब ये सरकार को फैसला लेना है की काला कानून हटाती है या नहीं.’

