शेयरों से हजारों करोड़ कमाने वाले राकेश झुनझुनवाला का नया दांव, एक झटके में ऑर्डर कर दिए 72 हवाई जहाज

दिग्‍गज निवेशक राकेश झुनझुनवाला ने अपनी एयरलाइन कंपनी अकासा एयर के लिए बोइंग के 72 हवाई जहाज का ऑर्डर दिया है. अकासा एयर और बोइंग की ओर से जारी जॉइंट स्‍टेटमेंट के मुताबिक, कंपनी ने 737 मैक्‍स जेट्स के 72 हवाई जहाज ऑर्डर किए हैं. इनमें 2 वैरिएंट 737-8 और उच्च क्षमता वाला 737-8-200 शामिल हैं.

हाल ही में अकासा एयरलाइन को नागर‍िक उड्डयन मंत्रालय से अनापत्ति प्रमाण पत्र (NoC) जारी हुआ है. रिपोर्ट्स के मुताबिक नई एयरलाइन के जरिए भारत के ज्यादा से ज्यादा लोगों को हवाई यात्रा कराने का लक्ष्‍य है.

बोइंग का कहना है, अकासा एयरलाइन को एयर ऑपरेटिंग परमिट लेने और कॉमर्शियल सर्विस शुरू करने के लिए पहली डिलीवरी 2022 तक शुरू हो सकती है.

अकासा एयर के स्‍वामित्‍व वाली कंपनी SNV एविएशन ने पिछले महीने बयान जारी करके बताया था, वह जून-2022 से उड़ाने भरने की तैयारी कर रही है. शुरुआती क्‍लीयरेंस मिलने के बाद देश में सबसे कम खर्च में हवाई यात्रा कराने वाली एयरलाइन लॉन्‍च की जाएगी. कंपनी इसे अल्‍ट्रा लो कॉस्‍ट कैरियर के तौर पर पेश करेगी.

अल्ट्रा लो कॉस्ट कैरियर सस्ती हवाई सेवा का विकल्प है. यह एक तरह से ‘नो फ्रिल्स एयरलाइंस’ (No Frills Airlines) होती हैं, यानी ऐसी फ्लाइट सेवा, जिसमें यात्रियों को केवल जरूरी सुविधाएं मुहैया कराई जाएं और टिकट सस्ता (Cheap Ticket) हो. अलग से सर्विस के लिए अलग से चार्ज लिया जाता है.

इसमें विमान में एक-एक इंच जगह की कीमत होती है. विज्ञापन के जरिये खर्च ऊपर कर फेयर कम किए जाते हैं. फोल्डेबल सीट बैक ट्रेज, पेपर कप, फूड पैकेजिंग वगैरह पर विज्ञापन होते हैं. इसके तहत​ विमान में इन-फ्लाइट एंटरटेनमेंट, फूड और बिजनेस क्लास सीटिंग जैसी सुविधाओं पर खर्च नहीं किया जाता.

राकेश झुनझुनवाला 260.7 करोड़ रुपये के निवेश के साथ एक नई लो-कॉस्‍ट एयरलाइन वेंचर की शुरुआत करने जा रहे हैं. नई एयरलाइन में झुनझुनवाला की 40 प्रतिशत हिस्‍सेदारी होगी.

झुनझुनवाला को स्‍थानीय उद्यमियों पर दांव लगाने के लिए जाना जाता है और वह पहले भी एविएशन इंडस्‍ट्री में छोटा निवेश कर चुके हैं. स्‍पाइसजेट में उनके पास 1 प्रतिशत हिस्‍सेदारी है और जेट एयरवेज में भी उनकी एक प्रतिशत हिस्‍सेदारी है, जो 2019 से बंद पड़ी है. झुनझुनवाला ने भारतीय बाजारों में अपना विश्‍वास जताते हुए कहा है कि भारत में तेजी आगे भी जारी रहेगी और भारत में मुद्रास्‍फीति की चिंता अल्‍पकालिक है.

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