OBC Bill Passed in Parliament: ओबीसी जातियों की पहचान करने और सूची बनाने का राज्यों का अधिकार फिर से बहाल होगा। OBC आरक्षण को लेकर राज्यों को अधिकार देने वाला विधेयक Rajya Sabha में भी पास हो गया। इसके बाद राष्ट्रपति द्वारा पास होने पर यह विधेयक कानून बन जाएगा। इसके बाद लोकसभा की तरह Rajya Sabha भी अनिश्चित काल के लिए स्थगित कर दी गई। इससे पहले लोकसभा ने मंगलवार को 127वें संविधान संशोधन के जरिए OBC से जुड़े इस विधेयक को भारी बहुमत से पारित कर दिया था। लोकसभा में विधेयक के पक्ष में 385 मत पड़े जबकि विपक्ष में एक भी वोट नहीं पड़ा। इस सर्वसम्मति के बावजूद चर्चा के दौरान राजनीति खूब हुई और पक्ष और विपक्ष की ओर से यह जताने की कोशिश भी कि दूसरे पक्ष ने OBC की चिंता नहीं की।
127वां संविधान संशोधन विधेयक बहुमत से पारित
राज्यों के अधिकार बहाली से जुड़े इस संविधान संशोधन विधेयक पर चर्चा का जवाब देते हुए केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री वीरेंद्र कुमार ने कहा कि इस विधेयक से संघीय व्यवस्था मजबूत होगी। राज्यों को फिर से उनके अधिकार मिलेंगे। जिसमें वे पहले की तरह OBC जातियों की पहचान कर सकेंगे और उनकी सूची भी तैयार कर सकेंगे। OBC के हित में वह और बेहतर तरीके से काम कर सकेंगे।
सरकार ने दिया विपक्ष को करारा जवाब
मंत्री ने यह भी साफ किया कि OBC आरक्षण को यह समस्या केंद्र सरकार की वजह से नहीं पैदा हुई है, बल्कि महाराष्ट्र सरकार के मराठा आरक्षण के फैसले के बाद कोर्ट ने राज्यों के अधिकार को खत्म कर दिया था। हम इसे ठीक कर रहे और राज्यों के अधिकार फिर से बहाल कर रहे हैं। OBC से जुड़े इस विधेयक पर चर्चा में केंद्रीय श्रम मंत्री भूपेंद्र यादव ने भी हिस्सा लिया और उन्होंने OBC को लेकर राजनीति कर रहे विपक्ष को करारा जवाब दिया।
भूपेंद्र यादव ने कहा कि OBC आरक्षण को लेकर जो भी लोग बड़ी-बड़ी बातें कर रहे हैं, वे यह भूल रहे हैं कि जब वे सत्ता में थे तो उन्होंने इसके लिए कुछ नहीं किया। कांग्रेस ने तो मंडल कमीशन की सिफारिशों को लंबे समय तक रोककर रखा था। बाद में जब BJP के समर्थन वाली सरकार केंद्र में आई, तो इसे लागू किया गया था।
भाजपा सांसद संघमित्रा मौर्य ने कहा कि मुझे उत्तर प्रदेश को देखकर ऐसा लगता है कि पिछड़ा वर्ग अभी पिछड़ा हुआ है, कुछ एक-दो समाज को छोड़कर। अगर जातिगत जनगणना होती है तो उससे OBC को फायदा होने वाला है।