Bengal Chunav 2021:पश्चिम बंगाल के वन मंत्री राजीव बनर्जी ने शुक्रवार को दिन में इस्तीफा दिया, तो शाम होते-होते TMC ने जगमोहन डालमिया की बेटी वैशाली डालमिया को पार्टी से निष्कासित कर दिया। अनुशासनात्मक समिति की बैठक के बाद TMC ने वैशाली को पार्टी से बाहर करने का फैसला सुनाया। पार्टी ने एक बयान जारी कर कहा है कि शुक्रवार की शाम को अनुशासन समिति की एक बैठक हुई, जिसमें वैशाली के हाल के कई बयानों को पार्टी की नीतियों के विरुद्ध माना गया। इसलिए उन्हें पार्टी से निष्कासित किया जाता है। इससे कुछ घंटे पहले ही राज्य के वन मंत्री राजीव बनर्जी ने इस्तीफा दिया था। इसके लिए भी वैशाली ने पार्टी नेतृत्व की आलोचना की थी।
हावड़ा जिला के बाली विधानसभा क्षेत्र से वर्ष 2016 में विधायक बनीं वैशाली डालमिया ने सार्वजनिक रूप से पार्टी नेतृत्व के खिलाफ टिप्पणी की थी। शुभेंदु अधिकारी के पार्टी से किनारा करने के बाद कई बार वैशाली ने पार्टी नेतृत्व की आलोचना की थी। उन्होंने कहा था कि कुछ लोग पार्टी को दीमक की तरह चाट रहे हैं। बगावती तेवर दिखाने वाली बाली की विधायक वैशाली डालमिया पर पार्टी की नीतियों का अनुसरण नहीं करने और अनुशासन तोड़ने के आरोप लगे हैं। वैशाली डालमिया ने अपनी ही पार्टी के खिलाफ मोर्चा खोल रखा था। खेल राज्य मंत्री लक्ष्मी रतन शुक्ला और वन मंत्री राजीव बनर्जी के इस्तीफे को लेकर भी उन्होंने पार्टी की आलोचना की थी।
वैशाली ने तृणमूल के फैसले का स्वागत करते हुए कहा है कि यह अच्छा ही हुआ, नहीं तो उन्हें भी लक्ष्मी रतन शुक्ला और राजीव बनर्जी जैसे नेताओं की तरह इस्तीफा देना पड़ता। उन्होंने आरोप लगाया कि भ्रष्टाचार के कारण तृणमूल को नुकसान हो रहा है। वैशाली के भाजपा में शामिल होने की अटकलें तेज हो गयी हैं। TMC के प्रवक्ता कुणाल घोष ने कहा है कि अनुशासनात्मक समिति ने सही फैसला लिया है। वह कई दिनों से पार्टी की नीति व नियमों का अनुसरण नहीं कर रही थीं। उन्होंने तृणमूल को नहीं, बल्कि तृणमूल ने उन्हें बनाया है। साथ ही श्री घोष ने चुनौती देते हुए कहा कि यदि हिम्मत है, तो वैशाली डालमिया बाली विधानसभा क्षेत्र से BJP के टिकट पर चुनाव जीतकर दिखायें।
वैशाली डालमिया ने यहां तक कहा था कि ममता बनर्जी की अगुवाई वाली TMC में ईमानदार लोगों के लिए कोई जगह नहीं है। वहीं, राजीव बनर्जी ने इस्तीफा देने के बाद कहा कि पार्टी नेताओं के एक धड़े के खिलाफ आवाज उठाने पर उनके खिलाफ हो रहे व्यक्तिगत हमलों से बेहद आहत होकर उन्होंने राज्य के वन मंत्री के पद से इस्तीफा दिया है।

