बुजुर्गों पर बैन, थर्मल स्क्रीनिंग, और खाली मिडिल बर्थ….ऐसा है रेलवे का प्लान

रेलवे के अधिकारी फिलहाल देश में कोरोना से अधिक प्रभावित क्षेत्रों में रेल सेवाओं को शुरू करने के पक्ष में नहीं हैं। साथ-साथ सर्विसेज को शुरू करने की स्थितियों में सोशल डिस्टेंसिंग के लिए कोच में मिडिल बर्थ को खाली रखने और थर्मल चेकिंग जैसे एहतियात को बरतने पर भी जोर दिया जा रहा है। इसके अलावा राज्यों में रेल सेवाओं को शुरू करने से पहले सरकार ने अपने उच्च अधिकारियों को प्रदेश सरकार के अफसरों से बात करने के लिए भी कहा है, जिससे कि प्रदेश में रेलवे की जरूरतों को देखने के बाद ही सेवाओं को शुरू कराया जा सके।

देशभर में LOCKDOWN की स्थितियों के बीच पहली बार रेलवे की सेवाएं भी पूरी तरह से बंद हैं। राज्यों की ओर से लॉकडाउन बढ़ाने की मांग उठने के बाद अब सरकार भी इसकी मियाद बढ़ाने पर विचार कर रही है। वहीं रेलवे भी अपनी सेवाओं को एक पूरे प्लान के साथ शुरू करने के पक्ष में है।

रेलवे बोर्ड के चीफ वीके यादव ने हाल ही में उच्च अधिकारियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए हुई अपनी एक मीटिंग में सरकार की योजना को लेकर जानकारियां साझा की हैं। रेलवे के अधिकारी देश के रेल नेटवर्क को रेड, येलो और ग्रीन जोन में बांटने की तैयारी कर रहे हैं। रेलवे का प्लान है कि रेड जोन में फिलहाल कोई भी ट्रेन ना चलाई जाए। इसके अलावा येलो जोन में सीमित संख्या में सर्विसेज का संचालन हो और ग्रीन जोन में सर्विसेज को पूरी तरह से शुरू किया जाए। हालांकि सूत्रों का कहना है कि रेलवे ने फिलहाल अभी इस योजना का खांका ही खींचा है और सेवाओं को शुरू करने को लेकर कोई भी फैसला नहीं किया गया है।

इसके अलावा रेलवे ने ये प्लान भी बनाया है कि रेगुलर सर्विस की अपेक्षा फिलहाल देश में स्पेशल ट्रेनों का ही संचालन शुरू कराया जाए। इन ट्रेनों में सिर्फ रिजर्वेशन के जरिए ही सीटों की बुकिंग की जाए और जनरल क्लास कोच में किसी को भी यात्रा की अनुमति ना दी जाए। अधिकारियों का मानना है कि रिजर्वेशन के जरिए यात्रियों को ट्रेन में यात्रा की इजाजत देने पर उनकी डिटेल्स ट्रैक करना आसान हो सकता है। साथ-साथ ऐसे कोच में मिडिल बर्थ पर बुकिंग ना करके सोशल डिस्टेंसिंग को भी मेंटेन किया जा सकता है।

रेलवे के उच्च स्तरीय सूत्रों ने इस बात के संकेत दिए हैं कि ट्रेनों में प्रवेश से पहले यात्रियों की स्टेशन पर थर्मल स्क्रीनिंग कराई जा सकती है। साथ-साथ ट्रेनों में फिलहाल यात्रियों को चादर और कंबल नहीं दिए जाएंगे। ट्रेन में यात्रियों को मिलने वाला खाना भी फिलहाल नहीं मिल सकेगा।

रेलवे अधिकारियों ने जिस योजना का खाका खींचना शुरू किया है, अगर उसे लागू किया जाता है तो रेड जोन में आने वाले देश के चार महानगरों को ट्रेन सर्विस नहीं मिल सकेगी। मुंबई, चेन्नै, सिकंदराबाद समेत कई बड़े शहरों में कोरोना के एक्टिव केसों की संख्या देखकर इनके रेड जोन में शामिल होने की पूरी संभावना लग रही है। ऐसे में अगर रेलवे की योजना को अमल में लाया जाता है तो 30 अप्रैल तक इन इलाकों में रेल सेवाएं बंद रह सकती हैं।

लॉकडाउन के इस पीरियड में जब कोई घर से बाहर नहीं निकल रहा है, उस दौरान रेलवे के हजारों कर्मचारी देशभर में जरूरी सामग्री पहुंचाने में जुटे हुए हैं। पश्चिम रेलवे ने अब तक 11 विशेष टाइम टेबल्ड पार्सल एक्सप्रेस ट्रेनें चलाई हैं, जो भारतीय रेलवे में पहली बार हुआ है। मध्य रेलवे ने पिछले 15 दिनों में 37,700 से अधिक वैगनों का परिचालन किया।

पश्चिम रेलवे ने अपनी पार्सल ट्रेनों की अवधि फिलहाल बढ़ाई है। 14 अप्रैल तक बांद्रा से ओखा के बीच 6 सेवाएं, मुंबई सेंट्रल से फिरोजपुर के बीच 8 सेवाएं, दादर से भुज के बीच 6 सेवाएं और बांद्रा से लुधियाना के बीच 1 से 15 अप्रैल तक कुल 12 सेवाएं चलाने का निर्णय लिया है।

22 मार्च से 7 अप्रैल तक लॉकडाउन की अवधि के दौरान पश्चिम रेलवे पर कुल 943 रेकों का उपयोग 2 मिलियन टन की आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति के लिए किया है। इस दौरान 2232 मालगाड़ियों को अन्य रेलवे के साथ जोड़ा गया, जिनमें 1138 ट्रेनें सौंपी गईं और 1094 ट्रेनों को अलग-अलग इंटरचेंज पॉइंट पर ले जाया गया। पार्सल वैन/रेलवे मिल्क टैंकर (आरएमटी) के 19 मिलेनियम पार्सल रेक देश के विभिन्न हिस्सों जैसे दूध पाउडर, तरल दूध और अन्य सामान्य उपभोक्ता वस्तुओं की मांगों की पूर्ति करने के लिए भेजे गए हैं।

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