छोटे बच्चों के माता-पिता के रूप में, आपको इस बात का ख्याल हमेशा रखना चाहिए कि आपको उनके लिए समय जरूर निकालना है। आजकल देखने को मिलता है कि मां-बाप दोनों ऑफिस में रहते हैं जिस वजह से वह अपने बच्चों को पर्याप्त समय नहीं दे पाते हैं। इस कारण बच्चे कई बार घर में खुद को अकेला महसूस करते हैं। जिसका परिणाम बच्चों के भविष्य पर भी पड़ सकता है जो कि काफी खतरनाक है। बच्चे कब बड़े हो जाते हैं, इसका अहसास मां-बाप को ठीक से नहीं हो पाता। क्योंकि उनके लिए वह हमेशा बच्चे रहते हैं। इसलिए बच्चों के साथ समय गुजारना बहुत ही जरूरी है। अगर आप अपने बच्चों को समय नहीं दे पाते हैं तो उनके बिगड़ने की संभावना काफी ज्यादा हो जाती है।
कई बार माता-पिता से दूरी बच्चों को गलत रास्ते पर भी ला सकती है। माता-पिता को जिस उम्र में अपने बच्चों के साथ अधिक समय गुजारना चाहिए वह है किशोरावस्था। चूंकि इस उम्र में नए दोस्त बनते हैं साथ ही शरीर में कई तरह के परिवर्तन आते हैं। इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता कि आपके माता-पिता कामकाजी हैं, या घर में रहने वाले। यह बात दोनों पर लागू होती है।
अपने बच्चों को किराने की दुकान पर साथ लेकर जाएं। बच्चों को यह समझने की पूरी प्रक्रिया में शामिल करें कि खाने का सामान कितने का आता है, कहां से आता है। महंगाई कितनी हो रही है आदि। यदि आपके बच्चे फैंसी पैकेजिंग में दिखाए गए सामान को खरीदने के लिए कहता है, तब आप उसे समझा सकते हैं कि यह खाना स्वास्थ्य के लिए कितना नुकसानदेह हो सकता है। साथ सामान खरीदने से बच्चे और माता-पिता का रिश्ता मजबूत होता है। बच्चा ऐसी स्थिति में अपने मन की बात खुलकर आपसे कह सकते हैं।
अपने बच्चों को परिवार के भोजन की तैयारी में शामिल करना चाहिए। इससे परिवार में एक अच्छी बॉन्डिंग बनती है। इससे न केवल खाना अच्छा बनता है बल्कि भविष्य में अगर आपका बेटा घर से दूर पढ़ने जाता है तो उसे खाना बनाने में परेशानी नहीं झेलनी पड़ती है। एक साथ बैठकर खाना खाने से भी घर का माहौल अच्छा रहता है। इससे बच्चे के दिमाग पर अच्छा असर पड़ता है।