Punjab Election: कैप्टन, कांग्रेस या आप, पटियाला का हकदार कौन?

पंजाब (Punjab) की पटियाला सीट (Patiala) करीब दो दशकों से विधायक के तौर कैप्टन अमरिंदर सिंह (Captain Amarinder Singh) या उनकी पत्नी के खाते में रही है. 2012 और 2017 में हालात ये थे कि कैप्टन ने इस सीट पर 70 फीसदी से ज्यादा वोट हासिल किए थे और प्रतिद्वंद्वियों की जमानत जब्त हो गई थी. हालांकि, अब स्थिति बदल गई है. कैप्टन के पास पहले की तरह कांग्रेस (Congress) का समर्थन नहीं है. अब सवाल है कि क्या पटियाला के लोग कैप्टन के लिए वोट करेंगे या उनकी पूर्व पार्टी कांग्रेस के लिए? या पटियाला सीट पर आप फतह हासिल कर लेगी?

पटियाला के मशहूर फव्वारा चौक पर आम आदमी पार्टी के होर्डिंग और झंडे लगे हुए हैं. इनके अलावा कांग्रेस और कैप्टन की नई पार्टी की नई तस्वीरें भी हैं. इन पर कैप्टन और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी साथ नजर आ रहे हैं. नजदीक ही स्थित कांग्रेस कार्यालय में पार्टी के उम्मीदवार विष्णु शर्मा ने NVR24 को बाताया, ‘यह कैप्टन की सीट नहीं है, यह सीट कांग्रेस पार्टी की है. इस बार आपको पता लगेगा कि जो 70 फीसदी वोट कैप्टन कह रहे हैं कि उन्हें मिल रहे थे, वे 70 फीसदी वोट कांग्रेस के पास आएंगे.’ उन्होंने कहा कि कैप्टन ने पटियाला का ‘विनाश’ किया है.

पटियाला में कैप्टन के अहम सहयोगी विजय कुमार कहते हैं, ‘पटियाला का वोट हमेशा महाराजा कैप्टन अमरिंदर सिंह के चेहरे के लिए है, किसी चिह्न के लिए नहीं. लोग कैप्टन के साथ दिल और दिमाग से जुड़े हुए हैं.’ स्थानीय नेता और कैप्टन समर्थक कुलदीप कृष्ण पाराशर भी कहते हैं कि कैप्टन की जीत में कोई शक नहीं है, क्योंकि कई सालों से पटियाला के राजघराने से लोगों का जुड़ाव है. उन्होंने कहा, ‘भाजपा के साथ गठबंधन कैप्टन के लिए बोनस होगा, क्योंकि पीएम नरेंद्र मोदी ने हिंदुओं के लिए काफी कुछ किया है.’

कांग्रेस का हिंदू कार्ड
मेयर विष्णु शर्मा के जरिए कांग्रेस ने ‘हिंदू कार्ड’ भी खेला है. शर्मा ने कैप्टन से विवाद के बाद पार्टी छोड़ दी थी. उन्हें नवजोत सिंह सिद्धू अकाली दल से दोबारा पार्टी में वापस लेकर आए हैं. अकाली दल से आने वाले आप उम्मीदवार अजीत पाल सिंह कोहली भी पटियाला के पूर्व मेयर हैं. कुछ लोगों का कहना है कि शर्मा और कोहली हल्के उम्मीदवार हैं, लेकिन शर्मा इस बात से इनकार करते हैं. उन्होंने NVR24 को बताया, ‘कप्तान को जवाब देने दें कि पटियाला में विकास क्यों नहीं हुआ. वे ‘विकास’ का दावा करते हैं, लेकिन पटियाला ने ‘विनाश’ देखा है. उन्हें अपना कोई एक काम बताने दें, जो उन्होंने किया है.’

शर्मा मेयर के तौर पर पटियाला में किए गए अपने कामों का हवाला देते हैं. इस दौरान उन्होंने सीवर और पानी उपलब्ध कराने का जिक्र किया. उन्होंने कहा, ‘काम को भूल जाएं, कैप्टन लोगों से मिले भी नहीं हैं. लोगों ने केवल मिलने के लिए ही कई मुश्किलें उठाई हैं. मैं लोगों के लिए 24 घंटे उपलब्ध हूं, मेरे घर के दरवाजे आधी रात में भी खुले हैं.’

जनता क्या कहती है?
NVR24 ने कांग्रेस कार्यालय के बाहर स्थानीय लोगों से मुलाकात की. उन्होंने कहा कि पटियाला और पंजाब के लिए आप असली उम्मीद है. ऐसे में लग रहा है कि राज्य में त्रिशोणीय मुकाबला देखा जा सकता है और स्थिति पहले की तरह आसान नहीं है. पटियाला के मशहूर दुखनिवारण साहिब गुरुद्वारा पर एक स्थानीय चरणजीत सिंह ने कहा, ‘कैप्टन के लिए यहां कोई मौका नहीं है, क्योंकि उन्होंने गुटका साहिब अपने हाथों में लेकर कसम खाई थी और उसे पूरा नहीं किया.’

वे कैप्टन के उस संकल्प की बात कर रहे थे, जिसमें उन्होंने पंजाब में ड्रग कारोबार के खिलाफ कार्रवाई करने और बेअदबी मामलों में आरोपियों को सजा देने की बात कही थी. चरणजीत सिंह ने कहा, ‘कैप्टन पूरी तरह जीरो हैं. उन्हें अब कोई पसंद नहीं करता. पटियाला में आप के पास मौका है.’

एक स्थानीय जसपाल सिंह ने कहा कि कैप्टन और कांग्रेस के जीतने की संभावना नहीं है, क्योंकि पटियाला में वैसा काम नहीं हुआ, जैसा लोग चाहते थे. उन्होंने कहा, ‘आप के लिए मौके अच्छे हैं.’ वहीं, कैप्टन के कुछ प्रशंसकों ने भी यह कहा कि वे पटियाला के ‘कर्ता-धर्ता’ है और उन्हें एक और मौका मिलना चाहिए. बहरहाल, पटियाला सियासत के सभी जवाब 10 मार्च को ही नतीजों के साथ मिल सकेंगे.

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