अक्षय तृतीया के दिन सूर्य की उपासना से बढ़ाएं इम्यूनिटी पावर

अक्षय का मतलब है जिसका क्षय न हो, अनंत जो कभी खत्म न हो, अनश्वर यानि सदा बना रहने वाला होता है। इस दिन को लेकर लोगों के मन में कई तरह के प्रश्न होते हैं, जैसे , Lockdown के दौरान Akshaya Tritiya में किसकी उपासना की जाए ? कैसे प्रसन्न करें भगवान सूर्य को ? क्या करने से प्रसन्न होगी मां लक्ष्मी ? इन सभी प्रश्नों के बारे में यहां बताया जा रहा है।

आज हम सब , Lockdown में अपने घरों में हैं. पूरा विश्व एक महामारी की नाकारात्मकता से ग्रसित है। Akshaya Tritiya जैसे पॉजटिव मुहूर्त का पूरा लाभ लेना होगा। इस दिन देवी उपासना करनी चाहिए ताकि मानसिक और शारीरिक इम्यूनिटी मजबूत हो सके। इस दिन आभूषण सोना-चांदी खरीदने का भी प्रावधान है, चूंकि मार्केंट बंद है इसलिए यह कार्य संभव नहीं हो सकता। इसलिए इस Akshaya Tritiya के अबूझ मुहूर्त को उपासना, दान और जप करते हुए इसका पूर्ण फल लेना चाहिए। इस दिन किए गए किसी भी तरह के जप यज्ञ तर्पण या दान का फल कभी भी खत्म नहीं होता।

Akshaya Tritiya पर निवेश को लेकर भी प्लान करना चाहिए। वर्तमान स्थिति को देखते हुए ऑनलाइन निवेश करें,और इस शुभ मुहूर्त में किया गया निवेश कभी घाटा नहीं देता यानी कभी उसका क्षय नहीं होता। भविष्य में लाभकारी सिद्ध होता है। Akshaya Tritiya पर शुरू किया गया कोई भी कार्य आपको असीम आयाम देता है, इसलिए हमें यह कोशिश करनी चाहिए कि हम समृद्धि खुशी करुणा सफलता से संबंधित कार्यों का आरंभ करें।

दिन की शुरुआत सूर्य देव को अघ्र्य अर्पण करके करें, सूर्य देव का सम्मान आपको अपराजेय जीत दिलाता है। आरोग्यता प्रदान करने वाले सूर्य देव की कृपा से सदैव निरोगी रहते हैं। इसके साथ ही यदि गायत्री मंत्र का जाप किया जाए तो अत्यंत लाभकारी सिद्ध होता है। मान्यता है कि इस दिन गायत्री मंत्र का जाप करने से सूर्य भगवान की कृपा प्राप्त होती है।

आदि शंकराचार्य के कनकधारा स्तोत्रम सुने या फिर ध्यान करें। अपनी सारी इच्छा को लिखें और मां लक्ष्मी के सामने रखें यह एक बहुत ही कारगर उपाय है, इससे मां लक्ष्मी मनोकामना पूरी करती हैं।

Akshaya Tritiya पर दान अवश्य देना चाहिए, इस दिन प्यासे को जल पिलाने से बहुत पुण्य मिलता है। जल से संबंधित दान का भी प्रावधान है जैसे घड़ा, सुराही और आज के परिपेक्ष में देखें तो पानी की बोतल, वाटर फिल्टर एवं जल रखने वाले पात्र देने चाहिए।

आज ध्यान लगाए और कुछ समय शांति और आत्म मूल्यांकन करें। इस जीवन में आपको जो भी मिला है उसका आभार व्यक्त करें। अपने भीतर गुणों की वृद्धि करने का संकल्प लें क्योंकि असली सोना आपके गुण ही तो हैं। इस दिन बीती हुई बुरी बातों को भूले क्षमा करें और आगे बढ़े। मित्रों और रिश्तेदारों के साथ संबंधों की नई शुरुआत करें। बुरी आदतों को छोड़ दें, और अच्छी आदतों को अपनाने का प्रण लें।

सूर्य देवता के सम्मान में ओम नमो भगवते रामचंद्राय का 108 बार जाप करें।
चंद्र देवता के सम्मान में ओम नमो भगवते वासुदेवाय का 108 बार जाप करें।
रामचरित मानस या भगवत् गीता का पाठ करें।


देवी गौरी का तृतीया तिथि से संबंध है तो आप इनकी भी पूजा कर सकते हैं इस मंत्र के साथ ‘सर्वमंगल मांगल्ये शिवे सर्वार्थसाधिके शरण्ये त्र्यम्बके गौरि नारायणि नमोस्तुते।

अक्षय तृतीया की मान्यताएं
एक पौराणिक कथा के अनुसार मुनि वेद व्यास ने इस दिन महाभारत गणेश जी को सुनानी शुरू की थी.

मां गंगा इस दिन पृथ्वी पर उतरी थी


इसी दिन कुबेर को अपनी धन प्राप्त हुई थी और मां लक्ष्मी के साथ धन और समृद्धि का संरक्षक बनने का सौभाग्य मिला। महाभारत में इसी दिन राजा युधिष्ठिर को भगवान सूर्य से अक्षय पात्र मिला था। इसी दिन निर्धन सुदामा, अपने सखा श्री कृष्ण से उनके राजा बनने के बाद पहली बार मिलने गए थे। निर्धनता के कारण श्री कृष्ण के लिए सुदामा चावल लेकर गए। वह कृष्ण को वह चावल देते हैं और अपने निर्धनता के बारे में कुछ नहीं बताते हालांकि वह बताना चाहते थे। पर जब अपने घर वापस आए तो उन्होंने पाया कि उनकी झोपड़ी की जगह एक महल खड़ा हुआ था। आदि शंकराचार्यचार्य ने इसी दिन कनकधारा स्तोत्र का पाठ किया।

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