Britain

ब्रिटेन में लिज ट्रस के इस्तीफे के बाद अब PM की रेस में हैं ये नाम

ब्रिटेन (Britain) की प्रधानमंत्री लिज ट्रस (Liz Truss) ने प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया है। लिज ट्रस ने 45 दिन पहले ही ये पद संभाला था। इस्तीफे के एलान के बाद उन्होंने कहा है कि मैंने संकट के समय ये पदभार संभाला था, लेकिन जनादेश पर अमल नहीं कर पाई। एक दिन पहले ही ब्रिटेन की गृहमंत्री भारतीय मूल की सुएला ब्रेवरमैन ने भी इस्तीफा दे दिया था। उससे पहले वित्त मंत्री को बर्खास्त कर दिया गया था। इस तरह से ब्रिटेन में राजनीतिक संकट चल रहा है।

रिपोर्ट्स के मुताबिक ब्रिटेन में अब अगले हफ्ते प्रधानमंत्री का चुनाव हो सकता है। ब्रिटेन में लिज ट्रस (Liz Truss) का कार्यकाल अब तक जितने भी प्रधानमंत्री हुए, उनसे सबसे कम रहा है। वहीं, ब्रिटेन के विपक्षी पार्टी लेबर नेता कीर स्टारर ने अब आम चुनाव की मांग की है। आपको बता दें कि जब तक यूके में नया प्रधानमंत्री नहीं चुन लिया जाता है, तब तक वो कार्यवाहक प्रधानमंत्री बनी रहेंगी। लिज ट्रस (Liz Truss) का इस्तीफा उनकी पार्टी के नेता ही मांगने लगे थे और उनके ऊपर इसको लेकर काफी दवाब भी था।

कैसे होता है चुनाव?

नियमों के मुताबिक, लीडर बनने के लिए खड़े होने की इच्छा रखने वाले टोरी सांसद अपने सहयोगियों से नॉमिनेशन मांगेंगे। आखिर में ये दो उम्मीदवारों तक सीमित कर दिया जाएगा। जिसमें रैंक एंड फाइल कंजर्वेटिव के सदस्य विजेता का चयन करेंगे। रिपोर्ट के मुताबिक, कुछ सांसद ये भी चाहते हैं कि लिज ट्रस का उत्तराधिकारी चुन लिया जाए। लिज ट्रस (Liz Truss) के इस्तीफे की घोषणा के बाद एक लीडरशिप कॉन्टेस्ट शुरू हो गया है। अब जो लोग पीएम बनने की लाइन में हैं वो सांसदों और साथियों से समर्थन पाने की कवायद शुरू कर देंगे।
विदेशी मीडिया के मुताबिक, ये भी संभव है कि टोरी पार्लियामेंट्री पार्टी लीडरशिप के लिए एक ही उम्मीदवार को आगे लेकर आए। लेब और लिबरल डेमोक्रेट उस लिस्ट में शामिल हैं, जो देश में जल्दी आम चुनाव चाहते हैं। हालांकि, सरकार जनवरी 2025 से पहले एक और चुनाव कराने के लिए बाध्य नहीं है।

कौन से चेहरे इस दौड़ में हैं?

सुनक के साथ ही पूर्व प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन, पैनी मॉरडेंट, बेन वालेस के नाम की भी चर्चा में है। कहा जा रहा है कि सुनक अभी भी पार्टी के सांसदों में सबसे ज्यादा लोकप्रिय हैं। दरअसल कंजर्वेटिव पार्टी के नियमों में एक नए नेता को पीएम बनने के बाद कम से कम एक साल तक आधिकारिक प्रक्रियाओं के माध्यम से चुनौती नहीं दी जा सकती है। इसलिए सांसदों ने उनके खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव के पत्र सौंपे हैं। अगर इस तरह के बहुत सारे पत्र मिलते हैं तो 1922 समिति के अध्यक्ष- सर ग्राहम ब्रैडी- नेतृत्व चुनाव प्रक्रिया के नियमों को बदल सकते हैं, जिससे दो उम्मीदवारों की एक शॉर्टलिस्ट तैयार की जाएगी। फिर इन्हीं में से किसी एक को अगला प्रधानमंत्री बनना होगा। तब टोरी सांसद तय करेंगे कि पार्टी के सदस्यों की मदद के बिना कौन PM होगा और कौन डिप्टी पीएम होगा।

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