राज्य में सभी राजनीतिक दल युद्ध स्तर पर सदस्यता अभियान चला रहे हैं। सभी पार्टियां हजारों लाखों नये सदस्य बनाने का दावा कर रही हैं। छोटे-बड़े सभी दलों के नये- पुराने सदस्यों के आंकड़े को जोड़ दिया जाये, तो ये करीब दो करोड़ होंगे। इस तरह राज्य की आबादी के मुताबिक यहां के हर पांचवें व्यक्ति के पास किसी न किसी पार्टी की सदस्यता है। हर पांच में एक व्यक्ति कोई न कोई पार्टी से जुड़ा हुआ है. यह आंकड़ा अभी बदस्तूर बढ़ ही रहा है।
वैसे भाजपा, जदयू और राजद को छोड़कर अन्य कोई पार्टी यह खुलासा नहीं कर रही है कि उसके सदस्यों की संख्या कितनी है। पार्टियां अपना लक्ष्य तोह बता रहीं हैं लेकिन मौजूदा आंकड़े नहीं बता रही हैं।
भाजपा का सदस्यता अभियान अब समाप्त हो गया है। इसके तहत उसने साढ़े 32 लाख सदस्य बनाने की पुष्टि की है। यह पार्टी के निर्धारित लक्ष्य से दोगुना से ज्यादा है। इस बार पार्टी ने मौजूदा सदस्यों की संख्या 50 लाख का 25 फीसदी यानी 14 लाख से ज्यादा सदस्य बनाने का लक्ष्य रखा था।
जदयू ने सदस्यता अभियान के तहत 50 लाख से अधिक सदस्य बनाने का लक्ष्य रखा है। पार्टी सूत्रों का कहना है कि इस लक्ष्य को हासिल कर लिया गया है। हालांकि, इस संबंध में अभी आधिकारिक घोषणा नहीं हुई है। फिलहाल सदस्यता अभियान के आधार पर ही जदयू का संगठन चुनाव चल रहा है।
राजद ने प्रदेश में 50 लाख से अधिक सदस्य बनाने का दावा किया है, जिसमें दो लाख सक्रिय कार्यकर्ता हैं। सदस्यता अभियान अभी जारी है.राजद सदस्यता अभियान की रसीदें रविवार से जमा होना शुरू हो गयी हैं। 10 अक्टूबर तक इनका संग्रह कर मिलान किया जाना है। हालांकि पार्टी का दावा है कि सदस्यता अभियान का लक्ष्य पूरा कर लिया गया है। प्रदेश के बाहर दूसरे राज्यों में सदस्यता अभियान इस महीने तक जारी रहेगा।
रालोसपा ने 25 लाख सदस्य बनाने का लक्ष्य निर्धारित किया है। पार्टी का सदस्यता अभियान 31 अगस्त को ही समाप्त हो गया है। परंतु पार्टी यह खुलकर नहीं बता रही है कि लक्ष्य के मुकाबले कितने सदस्य बने हैं। इसी तरह हम पार्टी ने 10 लाख सदस्य बनाने का लक्ष्य निर्धारित किया है। इसका सदस्यता अभियान 15 सितंबर तक चलेगा। इसके बाद ही सदस्यों की सही संख्या पता चलेगा। इसके अलावा अन्य छोटी पार्टियां भी लाखों सदस्य बनाने का दावा कर रही हैं।