NRC पर बिहार में सियासी उबाल, BJP-JDU की राहें अलग, RJD ने किया कड़ा विरोध

नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटीजन यानि (NRC) के मुद्दे को लेकर बिहार (Bihar) में सियासी उबाल दिख रहा है। कैबिनेट मंत्री विनोद सिंह न कहा है कि बिहार के कई जिलों जिसमें सीमांचल और कोसी का इलाका शामिल है, वहां अवैध बांग्लादेशी घुसपैठिए मौजूद हैं जिन्हें बाहर करना चाहिए। उनके अनुसार भारत सरकार ऐसे ही घुसपैठ करने वाले लोगों के लिए ही NRC लागू कर रही है।इस मामले को लेकर भाजपा और जदयू के मत अलग अलग हैं तो वहीं राजद ने भी इसे बिहार में लागू करने की मांग का कड़ा विरोध किया है।

इस कानून के विरोध को लेकर जब विनोद सिंह से सवाल किया गया तो मंत्री ने कहा कि जो लोग इसका विरोध कर रहे है वो ही इस बात को समझें कि वो क्यों इसका विरोध कर रहे हैं? नीतीश सरकार के मंत्री और जदयू नेता श्याम रजक ने इशारों ही इशारों में चुटकी लेते हुए कटाक्ष किया कि NRC की मांग करने वाले अपना उद्भव स्थल याद करें। रजक ने कहा कि बिहार में कोई अवैध घुसपैठिया नहीं है। उन्होंने NRC पर भड़काऊ राजनीति करने का भी आरोप लगाया है।

वहीं, एनआरसी को लेकर RJD नेता तेजस्वी यादव ने भी केंद्र सरकार को घेरा है। उन्होंने कहा कि देश में लोग भूखे मर रहे हैं और केंद्र सरकार को NRC की पड़ी है। केंद्र सरकार लिस्ट ढंग से नहीं बना रही है। NRC में फर्जीवाड़ा चल रहा है, लिस्ट में हिंदुओं का भी नाम है। उनलोगों को आप बाहर कैसे निकाल सकते हैं।

मालूम हो कि बिहार में नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटीजन यानी एनआरसी को भाजपा राज्य में लागू करने की मांग कर रही है लेकिन जदयू ने साफ तौर पर कह दिया है कि बिहार में NRC की जरूरत नहीं है। इस मुद्दे पर आरजेडी का मत बिलकुल अलग है और उसने इस मसले को लेकर बीजेपी पर वोट बैंक की राजनीति करने का आरोप लगाया है।

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