जम्मू-कश्मीर में आतंकियों की घुसपैठ कराने की कोशिश में लगे पाकिस्तान को सबक सिखाने के लिए भारतीय सेना ने आतंकी अड्डों को निशाना बनाया है। सेना ने POK में बने आतंकी लॉन्चपैड्स पर चुन-चुनकर हमले किए। हालांकि सेना की ओर से स्पष्ट किया गया है कि आज यानी गुरुवार को कोई कार्रवाई नहीं की गई है।
रिपोर्ट के मुताबिक सूत्रों ने बताया कि कड़ाके की ठंड से पहले भारत में ज्यादा से ज्यादा आतंकियों की घुसपैठ कराने की कोशिश में लगी पाकिस्तानी सेना के मंसूबों को नाकाम करने के लिए भारत की ओर से करारा जवाब दिया जा रहा है।
भारतीय सेना POK के भीतर बने आतंकी अड्डों पर पिनप्वाइंट स्ट्राइक कर रही है। सूत्रों का कहना है कि पाकिस्तानी सेना जम्मू-कश्मीर को अशांत करने की साजिश कर रही है। पाकिस्तान ऐंटी टेरर वॉचडॉग FATF के ऐक्शन से बचते हुए आतंकवाद को पूरा समर्थन कर रहा है। पिछले कुछ हफ्तों में बॉर्डर पर हलचल बढ़ी है। पाकिस्तान ने अकारण रिहायशी इलाकों को निशाना बनाया है। जवाबी ऐक्शन में सेना ने भी पिछले दिनों पाकिस्तान की कई सैन्य चौकियों को तबाह कर दिया था।
पिछले हफ्तों में पाकिस्तान सेना की ओर से कई बार संघर्षविराम उल्लंघन किया गया। LOC के इस पार भारतीय इलाकों पर नागरिकों को निशाना बनाया गया। सूत्रों ने कहा कि बीते कुछ हफ्तों में जम्मू-कश्मीर में आतंकवादियों की घुसपैठ कराने में मदद के उद्देश्य से पाकिस्तानी सेना नियंत्रण रेखा पर भारत की तरफ के रिहायशी क्षेत्रों को लगातार मोर्टार और अन्य भारी हथियारों से निशाना बना रही है।
दरअसल, इसके पीछे पाकिस्तान की मंशा घुसपैठ कराने की रहती है। आधिकारिक आंकड़ों की मानें तो 2019 में पाकिस्तानी फायरिंग में कुल 19 निर्दोष नागरिकों की जान गई थी लेकिन इस साल पाकिस्तान ने हद पार कर दी है। इस साल अब तक पाकिस्तानी फायरिंग में 21 लोगों की जान जा चुकी है।
सूत्रों ने बताया कि खुफिया जानकारी के आधार पर पाकिस्तानी और विदेशी आतंकियों को मार गिराने के लिए भारतीय सेना की ओर से टारगेटेड हमले किए गए। इन अभियानों में अपनी तरफ नुकसान की गुंजाइश बेहद नगण्य रहती है। उन्होंने कहा कि जम्मू कश्मीर में अशांति भड़काने और युवाओं को हथियार मुहैया कराने के लिए पाकिस्तान ने नया तरीका अपनाया है जिससे बढ़ते अंतरराष्ट्रीय दवाब के बीच किसी तरह की निगरानी से बचा जा सके। सूत्रों ने कहा कि पाकिस्तान पर अपनी जमीन पर सक्रिय आतंकवादी संगठनों के खिलाफ कार्रवाई को लेकर अंतरराष्ट्रीय दबाव है।