क्यों अक्टूबर में स्वतंत्रता दिवस मनाता है POK ?

पाकिस्तान ने गैरकानूनी रूप से भारतीय कश्मीर के एक बड़े हिस्से पर कब्जा कर रखा है । यह अतिक्रमण लगभग 70 वर्ष से बना हुआ है । इतना ही नहीं पाक ने अपने कब्जे वाले इस भारतीय क्षेत्र को एक अलग देश घोषित कर रखा है । ये पूरी कवायद केवल दुनिया को दिखाने के लिए है । क्योंकि इस तथाकथित अलग देश को दुनिया से मान्यता नहीं मिली है ।

दुनिया को दिखाने के लिए पाक ने कश्मीर के इस हिस्से में अलग कठपुतली प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति बना रखा है । अलग पहचान के लिए झंडा भी अलग बना रखा है और हर साल 24 अक्तूबर को स्वतंत्रता दिवस भी मनाया जाता है । पाकिस्तान की वेबसाइट में लिखा है कि 24 अक्तूबर 1947 को कश्मीर आजाद हुआ था ।

यह दावा भी किया गया है कि यह हिस्सा पाकिस्तान की केंद्रीय सरकार के प्रशासन में है । पूरी चालाकी के साथ पाकिस्तान ने अपने कब्जे वाले कश्मीर के रक्षा, सुरक्षा, विदेश नीति और विदेश व्यापार, करंसी नोट और सिक्कों की जिम्मेदारी अपने नियंत्रण में रखी है ।

POK को लेकर पाकिस्तान की दोहरी नीति है । एक तरफ तो वह इसे आजाद कश्मीर कहता है तो दूसरी ओर यहां के प्रशासन और राजनीति में सीधा दखल कर यहां के सामाजिक तानेबाने को हमेशा अस्थिर बनाए रखता है । यहां पर बाहरी लोगों को बसा दिया गया है, ताकि पाकिस्तान के खिलाफ आवाज न उठाई जाए । POK का पूरा शासन इस्लामाबाद से सीधे तौर पर संचालित होता है ।

POK की विधानसभा में 49 सीटें हैं और वहां 1974 से चुनाव प्रणाली कायम है । POK की राजधानी मुजफ्फराबाद है । पाकिस्तान इसे आजाद कश्मीर के तौर पर विश्व मंच पर पेश करता है, जबकि भारत इसे गुलाम कश्मीर कहता है । पाकिस्तान पर POK की निर्भरता भी किसी से छुपी हुई नहीं है ।

गिलगित व बाल्टिस्तान को 1947 के बाद से ही पाकिस्तान नॉर्दर्न एरिया कहा जाता रहा है । इसका प्रशासन पाकिस्तान की संघीय सरकार के तहत एक मंत्रालय चलाता था, लेकिन 2009 में पाकिस्तान ने इसे स्वायत्त प्रांत बना दिया, जिसके बाद यहां मुख्यमंत्री बनाए जाने लगे, जो सरकार चलाते हैं । इस इलाके की अपनी अलग विधानसभा है जिसमें कुल 24 निर्वाचित सदस्य होते हैं । इस विधानसभा के पास अधिकार न के बराबर हैं । शियाओं के पास यहां कोई अधिकार नहीं हैं ।

यह तथ्य दुनिया से छुपा नहीं है कि पाकिस्नान ने POK को आतंकवादियों का ट्रेनिंग स्कूल बना रखा है । यहां के आतंकी जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद फैलाने का काम करते हैं । 1988 से ही पाकिस्तान आतंकवादियों को अशांति फैलाने के लिए भेजता है ।

पाकिस्तान ने इस कश्मीर में अपनी फर्जी बातों और भारत विरोधी प्रचार के लिए रेडियो स्टेशन भी स्थापित कर रखा है । यहां से लगातार भारत विरोधी बातें कश्मीर के लोगों तक फैलायी जाती हैं । जबकि हकीकत यह है कि पाकिस्तान, कश्मीर के इस हिस्से को बांग्लादेश और बलोचिस्तान की तरह आबादी बदलकर अपना हिस्सा बनाने की कोशिश कर रहा है ।

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