प्रकृति वंदन कार्यक्रम के लिए माननीय प्रधान मंत्री श्री नरेंद्र मोदी का संदेश:

“130 करोड़ संकल्पित नागरिकों की ओर से प्रक्रुति माता के संरक्षण, संवर्धन और सुरक्षा के लिए प्रतिबध्दता।”

"पर्यावरण संरक्षण हमारी संस्कृति का आधारभूत मूल्य है”|प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी 130 करोड़ भारतीयों के प्रयासों की सराहना करते हैं। हिंदू आध्यात्मिक और सेवा संस्थान द्वारा राष्ट्रव्यापी अभियान की सफलता के लिए एक संदेश में, श्री मोदी ने निरंतर प्रयासोंके लिए जनता के बीच जागरूकता लाने के  लिए संस्थानकी सुन्दर पहल की सराहना की है । इस कठिन समय में हमारी जैविक विविधता की रक्षा करने हेतु किये जा रहे निरंतर प्रयासों के लिए अपनी प्रसन्नता प्रकट की है।
हिंदू आध्यात्मिक और सेवा संस्थान[HSSF],[IMCTF] और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का प्रकल्प-पर्यावरण संरक्षण गतिविधि के संयुक्त उपक्रम में यह कार्यक्राम किया जा रहा है|

माननीय प्रधान मंत्री – श्री नरेंद्र मोदीने इस संदेश  में  इस कार्य की सराहना और  प्रशंसा करते हुए,  प्रेरणा के लिए आयोजको को बधाई दी है | यह “प्रकृति वंदन” का आयोजन देश के 500 से अधिक केंद्रों और विश्व स्तर पर 25 से अधिक देशों में 30 अगस्त 2020 को सुबह 10.00 बजे से सुबह 11 बजे तक प्रकृति माता के प्रति श्रध्दा प्रदर्शित करने हेतु किया जा रहा है|हम १ करोड़ से अधिक भारतीय नागरिकों के इस तरह के  अनोखे कार्यक्रम में शामिल होने की अपेक्षा  कर रहे हैं। नागारिकों के स्वयं के घर से जुड़ने का यह अप्रत्यक्ष कार्यक्रम होने जा रहा है। यह पहल प्रकृति माता  और धरती माता  के प्रति अपनी श्रद्धा एवं सम्मान  प्रदर्शित करने हेतु है। माननीय प्रधान मंत्री की शुभकामनाओ में विदित है  कि HSSF सनातन और वैश्विक मूल्यों का प्रचार करने के अपने प्रयास जारी रखे, जिसके परिणाम स्वरुप प्रेम, सद्भाव, करुणा और भाईचारे जैसे मूल्यों का संदेश प्रसारित  होता रहे।

 
HSSF की स्थापना का ध्येय वाक्य  “आत्मनो मोक्षार्थं  जगत हिताय च “ को आधार बनाकर  की गई है |- ऋग्वेद द्वारा निर्देशित सूत्र  ‘जिव जगतकी सेवा  – चेतन हो  या निर्जीव हो’ है | सनातन धर्म के प्रमुख चार स्तंभों के माध्यम से मोक्ष प्राप्त करने का मार्ग है। परिवार, समाज, राष्ट्रों की अर्थव्यवस्था और मानवता। मानवता को समझना महत्वपूर्ण है, जिसके लिए जीवन मूल्यों को समझना भी उतना ही महत्वपूर्ण है। HSSF ने इन जीवन मूल्यों को छ: बुनियादी विषयों में परिभाषित किया है: (1) वन संरक्षण और वन्य जीवन की रक्षा; (2) जीवसृष्टि संतुलन ; (3) निरंतर पर्यावरण संरक्षण; (४) मानवीय और पारिवारिक मूल्यों को जातां ; (५) महिला सम्मान  (६) देशभक्ति जागरण।

IMCTF की रचना “इसावासयम इदम सर्वम , यत किंचित जगत्याम जगत्|” तेन त्यक्तेन भुन्जीता मा ग्रुधा कस्य स्विद धनाम् || “महात्मा गांधी ने इस का अर्थ समझाया है -” सब कुछ चेतन या निर्जीव ईश्वरीय रचना की अभिव्यक्ति है “।

पर्यावरण  संरक्षण गतिविधि  राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का प्रकल्प  है जो पर्यावरण संरक्षण के लिए काम कर रहा है और इस कार्यक्रम से भी जुड़ा हुआ है। पानी, पेड़ संवर्धन और प्लास्टिक का कम से  कम उपयोग के सिध्धांत पर यह कार्य कर रहा हे|

प्रकृति के साथ सद्भाव में रहना हमारी भारतीय संस्कृति और परंपरा का अभिन्न और अनूठा हिस्सा रहा है। यह बात पारंपरिक प्रथाओं, धार्मिक विश्वासों, अनुष्ठानों, लोककथाओं, कलाओं और शिल्पों और भारतीय लोगों के दैनिक जीवन में से बहुतायत प्रदर्शित होता आया है।
"प्रकृति वंदन" कार्यक्रम  इस बात पर प्रकाश डालता है कि ब्रह्मांड की सभी रचनाएँ अंतर-संबंधित, अंतर-निर्भर और एकीकृत हैं। कार्यक्रम सामाजिक रूप से नए मानदंडों को ध्यान में रखते हुए, एक प्रतीकात्मक  "प्रकृति वंदन" करने के बारे में है और शारीरिक अंतर बनाते हुए और मास्क पहन कर करना हे। यह कार्यक्रम “सोशल मीडिया” के विभिन्न उपकरणों के माध्यम से जिवंत प्रसारित  होगा। यह उम्मीद की जाती है कि परिवार एक ही समय में घर या व्यक्तिगत उद्यान या सार्वजनिक उद्यानों में (सभी प्रकार की शारीरिक दूरी के मानदंडों को बनाए रखने और मास्क पहनने के साथ) "वंदन" करने वाले है। वन्दन के कार्यक्रम में वृक्ष वन्दन,वृक्ष आरती मुख्य है|
श्री भाग्येश झा,  हिंदू आध्यात्मिक और सेवा संस्थान  के इस कार्यक्रम के राष्ट्रीय संयोजक है वे  बताते है कि- “इस संकट के समय में, जब हम नए सामान्य को पुन: व्याख्याइत  कर रहे हैं, प्रकृति  वंदन सबसे उपयुक्त कार्यक्रम है | जो हमें प्रकृतिमाता से जोड़ेगा; आइए हम सब मिलकर एक निर्मल  वातावरण की रक्षा करने के लिए और पर्यावरण और प्राकृतिक संसाधनों को संरक्षित करने के लिए एक महान कार्य के लिए हाथ मिलाएं; जिससे हम धरती माता के आशीर्वाद से सम्मानित होंगे, जिसके परिणामस्वरूप बिगड़ता हुआ पारिस्थितिक संतुलन ठीक होता जाएगा। आइए हम अपने प्रमाणिक प्रयास शुरू करें और उन्हें कार्यान्वित करे|”।

हिंदू आध्यात्मिक और सेवा संस्थान के बिहार संयोजक श्री कुमोद  कुमार ने बताया कि बिहार में प्रकृति वंदन का कार्यक्रम के प्रति बिहार वासियों में बहुत ही उत्साह देखा जा रहा है और गांव गांव से जिस जिस तरह से परिवारों के द्वारा पंजीयन कराया जा रहा है उससे ऐसा प्रतीत होता है कि कम से कम 2 लाख परिवार बिहार में प्रकृति वंदन में भाग लेंगे | दक्षिण बिहार के संयोजक अभिषेक ओझा ने बताया कि मुख्य कार्यक्रम विश्व संवाद केंद्र के कार्यालय से संपन्न होगा जहां हम लोग सोशल डिस्टेंसिंग को ध्यान में रखते हुए कार्यक्रम करेंगे |इस कार्यक्रम को का लाइव प्रसारण देखने के लिए सभी परिवारों से अनुरोध है हिंदू स्पिरिचुअल एंड सर्विस फाउंडेशन के बिहार के फेसबुक पेज पर जाकर लाइव प्रसारण देख सकते हैं इसके लिए www.facebook.com/hssfbihar  पर लॉग इन कर सकते हैं|

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