diesel petrol price SLASHED DOWN

Petrol Diesel के दाम फिर बढ़ने के आसार, जानें रुपये में गिरावट से आपसे जुड़ी कौन-कौन सी चीजें हो सकती हैं महंगी

सरकार महंगाई पर लगाम के लिए चौतरफा प्रयास कर रही है, लेकिन डालर के मुकाबले रुपये के मूल्य में हो रही गिरावट से इस प्रयास को धक्का लग सकता है। रुपये में गिरावट से कच्चा तेल महंगा हो जाएगा। भारत अपनी जरूरत का 85 प्रतिशत कच्चा तेल आयात करता है और रुपये में गिरावट से अब डालर में भुगतान के लिए अधिक रुपया खर्च करना होगा। इससे पेट्रोल-डीजल की खुदरा कीमत भी बढ़ सकती है।

पेट्रोल-डीजल से लेकर खाद्य तेल पर होगा रुपये में गिरावट का असर
हालांकि गत छह अप्रैल से लेकर अब तक पेट्रोल व डीजल की खुदरा कीमतों में बदलाव नहीं किया गया है। तेल कंपनियां इसका दबाव झेल रही है। दूसरी तरफ विदेश में पढ़ रहे बच्चों को पढ़ाई खर्च भेजने में पहले के मुकाबले अधिक रुपये खर्च करने होंगे। गत छह महीनों में डालर के मुकाबले रुपये में सात प्रतिशत से अधिक की गिरावट हो चुकी है। विदेश घूमने जाने का प्लान करने वालों को भी अधिक खर्च करना होगा। भारत अपनी जरूरत का 60 प्रतिशत खाद्य तेल का आयात करता है, इसलिए डालर के मुकाबले रुपये के कमजोर होने से खाद्य तेल के आयात के लिए अधिक रुपये खर्च करने होंगे। इससे खाद्य तेल की कीमत प्रभावित होगी।

भारत खाद का भी काफी आयात करता है। हालांकि खाद पर सरकार किसानों को सब्सिडी देती है, इसलिए इसका असर किसानों पर नहीं होगा, लेकिन सरकार पर बोझ बढ़ेगा। भारत मोबाइल फोन और इलेक्ट्रानिक्स के विभिन्न आइटम का आयात करता है।

रुपये में गिरावट का निर्यात पर होगा असर
रुपये में गिरावट का निर्यात पर मिलाजुला असर होगा। जिन वस्तुओं के निर्यात के लिए विदेश से कच्चे माल मंगाए जाते हैं, उनकी लागत बढ़ जाएगी। हालांकि जिन वस्तुओं के निर्यात के लिए कच्चे माल का आयात नहीं करना पड़ता हैं, उनसे जुड़े निर्यातकों को लाभ मिलेगा। हेजिंग नहीं करने वाले छोटे-छोटे निर्यातकों को रुपये में गिरावट से लाभ मिलता है, क्योंकि उनका भुगतान डालर में आता है और उस दिन की दर के हिसाब से उन्हें रुपये में भुगतान होता है।

विदेशी खरीदार मांगने लगे हैं डिस्काउंट
अपैरल एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल (एईपीसी) के पदाधिकारियों ने बताया कि रुपये में गिरावट से विदेशी खरीदार उनसे डिस्काउंट मांगने लगे हैं। टेक्सटाइल से जुड़े निर्यात होने वाले अधिकतर आइटम को तैयार करने में आयातित माल का काफी कम इस्तेमाल होता है। ऐसे में, इन निर्यातकों को रुपये में गिरावट से अधिक लाभ होता है। इसलिए खरीदार उनसे डिस्काउंट की मांग कर रहे हैं।

बिहार के इन 2 हजार लोगों का धर्म क्या है? विश्व का सबसे अमीर क्रिकेट बोर्ड कौन सा है? दंतेवाड़ा एक बार फिर नक्सली हमले से दहल उठा SATISH KAUSHIK PASSES AWAY: हंसाते हंसाते रुला गए सतीश, हृदयगति रुकने से हुआ निधन India beat new Zealand 3-0. भारत ने किया कीवियों का सूपड़ा साफ, बने नम्बर 1