बिहार के शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर (Bihar Education Minister Chandrashekhar) ने अजीबोगरीब तरीके से रामचरित मानस को लेकर कई आपत्तिजनक बातें कही हैं. नालंदा खुला विश्वविद्यालय (NOU) के दीक्षांत समारोह में मंत्री ने मनुस्मृति व रामचरित मानस के साथ ही सुंदरकांड और रामचरितमानस पर सवाल उठाया. उन्होंने कहा कि मनुस्मृति में जहां नारियों को शिक्षा से अलग रखने की बात कही गई है, वहीं रामचरितमानस (Ramcharit Manas) ने अभिशाप दिया है, साथ ही सुंदरकांड में कई बातें निंदनीय हैं. इसी क्रम में शिक्षा मंत्री ने बिहार में जातिगत गणना पर भी इशारों में सवाल उठा दिया.
शिक्षा मंत्री ने कहा कि 195 में मात्र 6 से 7 देशों में लोग जातियों को जानते हैं. मैंने खुद अपने नाम के आगे और पीछे कुछ नहीं रखा, सिर्फ चंद्रशेखर नाम लिखता हूं. नाम के आगे और पीछे जानने की जरूरत ना पड़े तभी हमारा देश ताकतवर बनेगा. बिहार में सीएम नीतीश कुमार व डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव के जातिगत गणना पर शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर ने इशारों में सवाल उठाते हुए कहा- बिहार के सपूतों जातियों का प्रश्न न पूछो.
एनओयू (NOU) के दीक्षांत समारोह में छात्रों को संबोधित करते हुए चंद्रशेखर ने कहा, देश तभी तरक्की करेगा जब लोग सरनेम नहीं पूछेंगे. मैंने स्वयं अपने नाम के आगे और पीछे सरनेम नहीं लगाया. दुनिया के 195 देशों में सिर्फ 5 देशों में ही जाति की होती है. केवल 5 देशों में लोग जातियों का नाम जानते हैं कि फलाना पंडित है, फलाना राजपूत है, फलाना कुशवाहा है. मंत्री ने लोगों से विनम्र निवेदन किया कि आप सिर्फ नाम जानें, किसी की जाति नहीं जानें तो देश ताकतवर बनेगा.
उन्होंने कहा, सबरी का बेटा जीतनराम मांझी के पूजा करने पर गंगा जल से मंदिर धोए गए. मुख्यमंत्री रहते मांझी जी के साथ पाखंडियों ने ऐसा किया. उन्होंने कहा, बिहार के सपूतों जातियों का प्रश्न न पूछो; तभी देश आगे बढ़ेगा और भारत सोने की चिड़िया कहलाएगा. बहरहाल, शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर के इस बयान से बिहार में नया सियासी बखेड़ा खड़ा हो सकता है क्योंकि उन्होंने सीएम नीतीश कुमार व डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव के ड्रीम प्रोजेक्ट; बिहार में जातिगत गणना पर ही सीधे सवाल उठा दिया है.