1975 के बाद पहली बार पटना (Patna) में जलप्रलय का जो मंजर यहाँ के लोगों ने देखा वह आज भी आत्मा को साल जाता है, ऐसा जलजमाव (Water Logging) हुआ जिसने राजधानी का जनजीवन अस्त-व्यस्त कर दिया. अब नीतीश सरकार (Nitish Government) इसकी जांच (Investigation) करवा रही है. मिली जानकारी के अनुसार 15 दिन के अंदर दोषियों की पहचान कर उनके खिलाफ कार्रवाई करने की तैयारी है. हालांकि इसके लिए जो जांच टीम बनाई गई है उस पर सवाल खड़े हो रहे हैं. दरअसल जांच वही लोग क्र रहे हैं जो पटना में भारी जलजमाव के लिए जिम्मेदार माने जा रहे हैं.
पटनावासियों का आरोप है कि पटना नगर निगम (Patna Municipal Corporation) और बुडको (BUDCO) की लापरवाही की वजह से जलजमाव की स्थिति पैदा हुई. वहीं, नगर विकास एवं आवास मंत्री सुरेश शर्मा ने गुरुवार को जलजमाव की जांच के लिए जो तीन सदस्यीय समिति गठित की उसमें समिति का अध्यक्ष विभाग के विशेष सचिव संजय कुमार को बनाया गया है. जबकि सदस्य के रूप में बुडको के एमडी अमरेंद्र कुमार सिंह और पटना नगर निगम के आयुक्त अमित पांडे को जांच की जिम्मेदारी दी गई है. विवाद यहीं से शुरू हुआ है क्योंकि नौ दिन तक शहर में जो जलभराव रहा उसमें दो बातें स्पष्ट रूप से सामने आई हैं. पहला- बुडको द्वारा संचालित ‘पंप हाउस ‘ काम नहीं कर रहे थे, और दूसरा- नगर निगम के जिम्मे में ही नालों की साफ-सफाई का काम था, जो पूरी नहीं की गई थी.
आरजेडी अध्यक्ष लालू यादव ने भी ट्वीट पर चुटकी ली और कहा, बिल्ली कर रही दूध की रखवाली! लालू यादव ने अपने बेटे तेजस्वी यादव के उस ट्वीट को मेंशन किया है जिसमें उन्होंने जांच कमेटी की बाबत एक खबर को शेयर किया है. इसमें उन्होंने लिखा कि भ्रष्टाचार में मस्त, छल-कपट में व्यस्त बेशर्मों की धूर्तता और नग्नता देखिए. जिन भ्रष्ट नेताओं ने सीवर, ड्रेनेज सिस्टम, स्मॉर्ट सिटी, नमामि गंगे के हज़ारों करोड़ बिना डकार लिए हज़म कर लिए वही नीतीश-सुशील मोदी के लोग इसकी जाँच करेंगे। वाह सुशासन बाबू! वाह..
इस मामले पर अब पूरा विपक्ष हमलावर हो गया है. कांग्रेस के प्रवक्ता प्रेमचंद्र मिश्रा ने जांच कमेटी पर सवाल उठाते हुए कहा कि इस मामले में भ्रस्टाचार मुख्य बिंदु है. जांच दल में वैसे लोगो को शामिल किया जिस पर डुबोने का आरोप है. जलजमाव पर जांच पूरी तरह आई वॉश है. चोर को चौकीदारी देने की बात है. डिप्टी सीएम किसे बचाना चाहते हैं. वहीं पूर्व सीएम जीतन राम मांझी ने इसकी जांच सीबीआई से करवाने की बात करते हुए कहा कि इस मामले में दोषियों को बचाने की साजिश हो रही है. सुशील मोदी मंत्री को और मंत्री अधिकारियों को बचा रहे हैं.