पुणे में डिफेंस मिनिस्टर राजनाथ सिंह ने रक्षा अकादमी के 137वें कोर्स की पासिंग आउट परेड कार्यक्रम के दौरान कहा कि पाकिस्तान को यह एहसास हो गया है कि वह ‘परंपरागत’ युद्ध में भारत से जीत नहीं सकता है, इसलिए उसने छद्म युद्ध छेड़ रखा है।
इतना ही नहीं बल्कि राजनाथ सिंह ने ये भी कहा कि आज मैं यह पूरी जिम्मेदारी के साथ कहता हूं कि वह इस युद्ध में कभी भी जीत नहीं सकता है। उन्होंने कहा कि जिस तरह से आतंकवाद के मुद्दे पर वैश्विक जगत में पाकिस्तान का पर्दाफाश हुआ है और पूरी दुनिया में अलग-थलग किया गया है, इसका बड़ा श्रेय हमारे पीएम मोदी की कुशल कूटनीति को जाता है।
राजनाथ सिंह ने कार्यक्रम के दौरान कहा कि भारत के अन्य देशों के साथ हमेशा शिष्ट और मैत्रीपूर्ण रिश्ते रहे हैं। भारत की अपने क्षेत्र से अतिरिक्त कोई महत्वाकांक्षा नहीं रही लेकिन अगर उसे उकसाया गया तो वह किसी को नहीं बख्शेगा।
उन्होंने कहा कि हम देश की संप्रभुत्ता और लोगों की सुरक्षा को लेकर प्रतिबद्ध हैं। लेकिन अगर कोई हमारी धरती पर आतंकवादी शिविर चलाता है या कोई हमला करता है तो हमें पता है कि मुंहतोड़ जवाब कैसे दिया जाता है।
इतना ही नहीं रक्षामंत्री ने कहा कि पाकिस्तान को 1948 से लेकर 1965, 1971 और 1999 से यह एहसास हो गया था कि वह किसी भी परम्परागत या सीमित युद्ध में भारत के खिलाफ जीत नहीं सकता। जिसके बाद उसने आतंकवाद के जरिए छद्म युद्ध का रास्ता चुनना पड़ रहा है। और मैं पूरी जिम्मेदारी के साथ आपसे कह सकता हूं कि पाकिस्तान को हार के सिवाय कुछ नहीं मिलेगा।