आगामी लोकसभा चुनाव को लेकर सत्ताधारी से लेकर विपक्षी पार्टियों ने तैयारियां शुरू कर दी हैं. एक तरफ एनडीए ने अपने कुनबे को समेटना आरंभ कर दिया है. वहीं यूपए भी अपने पुराने आकार में आने की कोशिश में लगा है. मॉनसून सत्र से पहले विपक्ष अपनी रणनीति तय करने लिए एकजुट हो रहा है. इस कवायद में कांग्रेस नेता सोनिया गांधी भी शामिल हुई हैं. ऐसा कहा जा रहा है कि वे खुद इसकी अगुवाई करने वाली हैं. इस तरह से सहयोगी दलों में चल रहे मतभेदों को दूर किया जा सकता है. दरअसल शरद पवार, ममता बनर्जी समेत जो नेता राहुल गांधी की अगुवाई को स्वीकार करने में असहजता महसूस कर रहे हैं, सोनिया गांधी से इन नेताओं के बेहतर रिश्ते रहे हैं.
2024 की लड़ाई में अभी से तेवर दिखाई दे रहे हैं. बेंगलुरु में विपक्ष अपनी ताकत दिखाने की कोशिश कर रहा है. लोकसभा चुनाव में अब 8-9 महीने का समय शेष है. चुनावी घमासान को लेकर पाला तैयार है. एक ओर विपक्ष का कुनबा बढ़ा है. वहीं भाजपा का भी विस्तार हो रहा है. आइए जाने की कोशिश करते हैं कि विपक्ष के पाले में कौन-कौन से दल हैं. यूपीए में कांग्रेस, टीएमसी, जेडीयू, आरजेडी, एनसीपी सीपीएम, सीपीआई, समाजवादी पार्टी, डीएमके, जेएमएम, आम आदमी पार्टी, शिवसेना (उद्धव गुट, नेशनल कॉन्फ्रेंस, पीडीपी, आरएलडी, आईयूएमएल, केरल कांग्रेस (एम), एमडीएमके, वीसीके, आरएसपी, केरल कांग्रेस (जोसेफ), केएमडीके, अपना दल कमेरावादी, एमएमके, सीपीआईएमएल, एआईएफबी हैं.
कांग्रेस को कर्नाटक और हिमाचल की जीत से ताकत मिली है. कांग्रेस पहले से ही गठबंधन को लेकर गंभीर थी. मगर विपक्ष के कई दल उस पर विश्वास नहीं जता रहे थे. मगर कर्नाटक की जीत के बाद विपक्षी एकता की योजना को बल मिला. इस जीत ने कई दलों में कांग्रेस के प्रति विश्वास जगा. कांग्रेस को कर्नाटक विधानसभा चुनाव में 135 सीटें मिलीं. यह पूर्ण बहुमत था. ऐसे में विपक्ष को महसूस हुआ कि मिलकर लड़कर ही भाजपा को बड़ी टक्कर दी जा सकती है.
विपक्ष की बैठक में ये होंगे मुद्दे
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, दो दिवसीय बैठक में गठबंधन का नाम बदला जा सकता है. इसे नया नाम दिया जा सकता है. आज कई नाम पर विचार किया गया है. मंगलवार की बैठक किसी एक नाम पर मुहर लग सकती है. इसके अलावा कई मुद्दों पर चर्चा होने की संभावना है. इसमें सरकार को घेरने के लिए रणनीति तैयार की जाएगी.