सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) जस्टिस रंजन गोगोई (CJI Ranjan Gogoi) ने असम में राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर (एनआरसी)( National Register of Citizens ) लागू करने का समर्थन किया। रंजन गोगोई ने एनआरसी को भविष्य के लिए मूल दस्तावेज बताया। जस्टिस गोगोई ने कहा- “इससे पहले राज्य में अवैध प्रवासियों की संख्या के बारे में केवल अनुमान लगाया जाता था, जिसके चलते राज्य में घबराहट, भय, अराजकता और हिंसा का दौर शुरु हो गया था।“
जस्टिस गोगोई ने कहा कि एनआरसी कोई नया या अद्भुत विचार नहीं है। 1951 में ही इस पर काम किया जा चुका है और वर्तमान में जिस एनआरसी(NRC) पर हम काम कर रहें है वो केवल 1951 के आंकड़ों को दुरुस्त करने की कवायद भर है।
सीजेआई रंजन गोगोई ने अपनी बात में कहा, “उद्देश्य स्पष्ट है, अवैध प्रवासियों की संख्या जानने के लिए एक प्रक्रिया तय होनी बहुत जरूरी थी, जो वर्तमान एनआरसी(NRC) के जरिए पूरी हो रही है। एनआरसी इसके लिए सबसे शांतिपूर्ण और सही तरीका है। इसके जरिए राज्य के लोग क्षेत्र की संस्कृति और समुदाय को प्रभावित करने वाली गलतियों को सुधारने की उम्मीद रखते हैं। ”
जस्टिस गोगोई, ‘पोस्ट कॉलोनियल असम (1947-2019)’ (Post Colonial Assam) नामक किताब के विमोचन के मौके पर पहुंचे थे जहां उन्होंने ये बात कही।