अमेरिका के साथ स्थगित परमाणु वार्ता की मियाद पूरी होने के बाद NORTH KOREAN नेता किम जोंग उन ने सख्त तेवर अपनाया है। किम ने अमेरिका को चेतावनी देते हुए कहा है कि जल्द ही NORTH KOREA अपनी सामरिक जरूरतों के मुताबिक हथियारों को विकसित करेगा। किम ने इस बाबत अमेरिकी दबाव को खारिज कर दिया है। किम के इस बयान के साथ एक बार फिर अमेरिका और NORTH KOREA के बीच कूटनीतिक संघर्ष बढ़ सकता है। इससे दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ने की आंशका बढ़ गई है। आइए जानते है कि आखिर ऐसी स्थिति क्यों उत्पन्न हुई ? इसके पीछे बड़ी वजह क्या है ?
किम ने संकेत दिया है कि NORTH KOREA अब परमाणु हथियारों और अंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइलों के परीक्षण जारी रखेगा। उन्होंने कहा कि इस बाबत वह अमेरिका के वचन को मानने के लिए बाध्य नहीं है। किम ने कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इन वार्ताओं को एक बड़ी कूटनीतिक जीत के रूप में पेश किया है। वह अमेरिका में इसका राजनीतिक लाभ लेना चाहते हैं।
हालांकि, किम ने इन परीक्षणों की कोई स्पष्ट समय सीमा नहीं निर्धारित की है। इससे यह अनुमान लगाया जा रहा है कि किम ने परमाणु वार्ता की गेंद को अमेरिका के पाले में डाल दिया है। अलबत्ता, किम ने अपने इरादे साफ कर दिया है कि वह किसी भी दबाव में आने वाले नहीं है। अब यह देखना अहम होगा कि किम के इस स्टैंड के बाद अमेरिका क्या रणनीति बनता है। किम ने स्थगति परमाणु वार्ता पर छोटी दूरी के हथियारों का परीक्षण करके अमेरिका पर कूटनीतिक दबाब बनाया था।