निर्भया के दोषियों की फांसी की सजा टल जाने के बाद अब दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने चारों गुनहगारों को फांसी पर लटकाने के लिए नया डेथ वारंट जारी किया जिसके मुताबिक 1 फरवरी को सुबह 6 बजे चारो को फांसी पर लटकाया जाएगा। जिसके बाद अब चारो में से एक गुनहगार पवन कुमार गुप्ता ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। शुक्रवार को उसने दिल्ली हाई कोर्ट के उस फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी, जिसमें वारदात के दौरान उसे नाबालिग मानने से इनकार कर दिया गया था। सुप्रीम कोर्ट में दाखिल अपने अपील में निर्भया के दोषी पवन कुमार गुप्ता ने ये दलील पेश की कि 16 दिसंबर 2012 को जब निर्भया के साथ गैंगरेप हुआ, उस समय वो नाबालिग था। इतना ही नहीं, पवन कुमार गुप्ता ने ये भी अपील किया कि उसे फांसी की अगली तारीख यानी 1 फरवरी को फांसी न दिया जाए।
आपको बता दें इससे पहले शुक्रवार को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने भी निर्भया के गुनहगार मुकेश कुमार की दया याचिका को खारिज कर दिया था। हालांकि अभी निर्भया के तीन गुनहगारों के पास राष्ट्रपति के समक्ष दया याचिका दाखिल करने का विकल्प बचा हुआ है। इसके अलावा दोषी अक्षय और पवन के पास सुप्रीम कोर्ट में क्यूरेटिव पिटीशन दाखिल करने का भी विकल्प है। हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने 14 जनवरी को दो दोषियों विनय और मुकेश की क्यूरेटिव पिटीशन को खारिज कर दिया था।
16 दिसंबर 2012 को दिल्ली में निर्भया के साथ 6 लोगों ने चलती बस में गैंगरेप किया। उसके बाद उसे और उसके दोस्त को मरा समझकर फेंक दिया। बाद में पुलिस उसे अस्पताल लेकर पहुंची। हालत बिगड़ने के बाद उसे इलाज के लिए सिंगापुर भेजा गया। 29 दिसंबर 2012 को सिंगापुर के अस्पताल में निर्भया की इलाज के दौरान मौत हो गई। 13 सितंबर 2013 को निचली अदालत ने चारों दोषियों पवन गुप्त, विनय शर्मा, मुकेश और अक्षय सिंह को मौत की सजा सुनाई थी।