देशभर में ठंड का कहर लगातार जारी हैं। बारिश, ओलावृष्टि एवं बर्फबारी ने सभी लोगों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। उत्तर पाकिस्तान और इससे सटे जम्मू-कश्मीर के करीब एक पश्चिमी विक्षोभ बना हुआ है जो उत्तर भारत के पहाड़ी इलाकों को प्रभावित कर रहा है। इससे जम्मू-कश्मीर के उत्तरी एवं पश्चिमी भागों में बारिश और बर्फबारी के आसार नजर आ रहे हैं। ऐसे में अगर मौसम विभाग की मानें तो नए साल के पहले दिन पश्चिमी विक्षोभ और आगे बढ़ने की वजह से उत्तर भारत के मैदानी इलाकों में बारिश के साथ ओले भी पड़ सकते हैं।
दिल्ली, यूपी और हरियाणा में शिमला मनाली से भी नीचे गिरा पारा
दिल्ली, उत्तर प्रदेश, बिहार, हरियाणा, पंजाब और राजस्थान के कई जिलों में न्यूनतम तापमान शिमला, मसूरी और मनाली से भी कम दर्ज किए गए। दिल्ली में दिसंबर महीने में ठंड ने 119 साल का रिकॉर्ड तोड़ दिया है। राजस्थान के पांच शहरों में रविवार को न्यूनतम तापमान जमाव बिंदु से नीचे रहा, जबकि हरियाणा के हिसार में कई दिनों से न्यूनतम तापमान शून्य डिग्री सेल्सियस से नीचे बना हुआ है। दिल्ली का न्यूनतम तापमान भी 2. 4 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया है।
इस ठंड में मौतों का सिलसिला लगातार जारी
कड़ाके की ठंड से लोगों की मौत का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। सोमवार को उत्तर प्रदेश में 63 और पंजाब में 3 लोगों की मौत हो गई। घने कोहरे की वजह से हादसों में यूपी में 7 और पंजाब में 2 लोगों की जान चली गई। ठंड की वजह से अस्पतालों में मरीजों की संख्या भी लगातार बढ़ रही है। इस समय लोगों को ज्यादातर सांस से जुड़ी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। इस मामले में अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के निदेशक डॉ। रणदीप गुलेरिया ने कहा कि ओपीडी में 20 फीसद की वृद्धि हुई है। इनमें ज्यादातर लोग सांस की बीमारियों से परेशान हैं।
मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में छाया कोहरा
कड़ाके की ठंड के कारण मध्य भारत में मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में तापमान में भारी गिरावट आई है और कई शहरों में घना कोहरा छाया हुआ है। मौसम का पूर्वानुमान जारी करने वाली निजी एजेंसी स्काइमेट की मानें तो पिछले कुछ दिनों से मध्य प्रदेश में कई स्थानों पर न्यूनतम तापमान गिरकर 3 डिग्री सेल्सियस के करीब पहुंच गया है। मध्य प्रदेश के सीधी, खजुराहो, दतिया, ग्वालियर और सतना जैसे कई क्षेत्रों में सर्द दिन की स्थिति बनी हुई है। मौसम विभाग की मानें तो पश्चिमी हिमालय से उत्तर-पश्चिमी ठंडी हवाओं के चलने की वजह से इस तरह की भीषण ठंड पड़ रही है।
जलवायु परिवर्तन की वजह से बढ़ी ठंड
प्रादेशिक मौसम विज्ञान केंद्र, दिल्ली के प्रमुख कुलदीप श्रीवास्तव ने ऐसी परिस्थितियों के लिए जलवायु परिवर्तन को जिम्मेदार ठहराया है। उन्होंने बताया कि जलवायु परिवर्तन से मौसमी गतिविधियां अब चरम पर पहुंचने लगी हैं। जिसकी वजह से गर्मी में तापमान बहुत अधिक चला जाता है तो मानसून में बारिश का रिकॉर्ड टूटने लगा है और सर्दियों में ठंड बढ़ जाती है। पिछले काफी समय से बादल महज 200 से 300 मीटर की ऊंचाई पर मौजूद हैं। नमी, धूल और प्रदूषण ने बादलों की परत को काफी मोटा कर दिया है जिससे सूरज की रोशनी धरती तक नहीं पहुंच पा रही हैं। जिसकी वजह से ठंड बढ़ गई है।
कोहरे और ठंड ने रेलवे को भी किया प्रभावित
इस कड़ाके की ठंड और घने कोहरे की वजह से दिल्ली से होकर आने-जाने वाली 34 ट्रेनें देर से चल रही हैं। इसके साथ ही दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण में भी काफी इजाफा हुआ है। राष्ट्रीय राजधानी में वायु गुणवत्ता का स्तर मंगलवार को खतरनाक श्रेणी 431 पर पहुंच गया।