इंफ्लूएंजा (influenza) से बचाव के लिए एक नए वैक्सीन (Vaccine) का विकास किया गया है। यह वैक्सीन (Vaccine) नाक के जरिये लिया जा सकेगा। शोधकर्ताओं के अनुसार, नैनो पार्टिकल्स वाला यह वैक्सीन (Vaccine)रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाकर मजबूत सुरक्षा प्रदान करने वाला है। यह शोध ‘एसीएस अप्लाइड मटैरियल्स एंड इंटरफेसेस जर्नल’ में प्रकाशित हुआ है।
इस नैजल वैक्सीन (Vaccine) से बहुआयामी प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया में सक्षम है, जिससे चूहों में इंफ्लूएंजा (influenza) के प्रति मजबूत सुरक्षा देखी गई है। इस वैक्सीन (Vaccine) में पीईआइ-एचए/सीपीजी नैनो पार्टिकल्स हैं। पीईआइ (पालीइथाइलनेमाइन) एक मजबूत और बहुपयोगी वितरण प्रणाली है, जो अपने साथ एंटीजन (हेमागग्लूटिनिन- एचए) को ले जा सकता है, जो प्रतिरक्षी प्रतिक्रिया को प्रेरित करने के साथ ही सीपीजी के लिए सहायक भी होता है। इससे शरीर में एंटीजन के प्रति उपयुक्त प्रतिरक्षी शक्ति को मजबूत करता है। शोधकर्ताओं के मुताबिक, यह वैक्सीन 6 महीने तक इंफ्लूएंजा (influenza Vaccine) से सुरक्षा प्रदान करता है।
श्वसन तंत्र से जुड़े इंफ्लूएंजा (influenza) जैसे संक्रामक रोगों से बचाव के लिए इंट्रानैजल (नाक के जरिये लिए जाने वाला) वैक्सीन आदर्श माना जाता है। मौसमी इंफ्लूएंजा (influenza) वैक्सीन आमतौर पर कम प्रतिरक्षा प्रदान करता है, जिससे उसका प्रभाव तेजी से खत्म कम हो जाता है। इस कारण इंफ्लूएंजा (influenza) के नए स्ट्रेन का खतरा बना रहता है।
इसलिए, ऐसे इंफ्लूएंजा वैक्सीन (influenza Vaccine)तकनीक की जरूरत है, जो इंफ्लूएंजा (influenza) के विभिन्न प्रकार के वायरस से बचाव कर सके। इसी क्रम में इंट्रानैजल वैक्सीन (influenza Vaccine) स्थानीय म्यूकस प्रतिरक्षी प्रतिक्रिया में सुधार लाकर वायरस को प्रवेश बिंदु पर ही रोक कर सुरक्षा प्रदान करता है।
इंफ्लूएंजा वायरस (influenza Vaccine) में एचए नामक प्रोटीन होता है, जो वायरस संक्रमण के प्रारंभिक चरण में अहम भूमिका निभाता है। इंफ्लूएंजा एचए के 2 हिस्से- सिर (हेड) और आधार (स्टाक) होते हैं।
मौजूदा वैक्सीन की चुनौतियां
मौजूदा इंफ्लूएंजा वैक्सीन (influenza Vaccine) एचए हेड के प्रति प्रतिरक्षी प्रतिक्रिया करता है। लेकिन यह हिस्सा (हेड) बड़ा ही परिवर्तनशील होता है, इसीलिए विभिन्न प्रकार के स्ट्रेन के खिलाफ उसका प्रभाव कम हो जाता है। जबकि विभिन्न प्रकार के इंफ्लूएंजा वायरस (influenza Vaccine)का आधार (स्टाक) वाला हिस्सा ज्यादा स्थायी स्वरूप वाला होता है।
नाक के जरिये दिए जाने वाले प्रोटीन एंटीजन सामान्य तौर पर कम प्रतिरक्षी प्रतिक्रिया देता है। इसलिए इसे इस रूप में विकसित किए जाने की जरूरत है कि प्रतिरक्षी प्रतिक्रिया को मजबूती मिले। इसमें सहायक सीपीजी के जरिये प्रतिरक्षी प्रतिक्रिया को बढ़ाया जा सकता है, जिससे उसकी शक्ति बढ़ जाती है और वृहद सुरक्षा मिलती है।
शोध के लेखक तथा इंस्टीट्यूट आफ बायोमेडिकल साइंसेज के प्रोफेसर डाक्टर बाउझोंग वांग के मुताबिक, पीईआइ -एचए/सीपीजी नैनो पार्टिकल्स में व्यापक सुरक्षा देने वाले इंफ्लूएंजा वैक्सीन की अच्छी संभावना है। उन्होंने बताया कि पीईआइ -एचए/सीपीजी में पीईआइ और सीपीजी नैनो पार्टिकल्स ग्रुप की मौजूदगी प्रतिरक्षी प्रतिक्रिया को कई गुना बढ़ा देता है। इससे संक्रमण के प्रति वृहद सुरक्षा मिलती है। जबकि उसी नैनो पार्टिकल्स में सीपीजी और एंटीजन को मिलाए जाने से कोशिकीय प्रतिरक्षी प्रतिक्रिया बढ़ जाती है।
नए वैक्सीन में क्या है खास
वांग ने कहा कि हमारे शोध के निष्कर्ष बताते हैं कि नैनो पार्टिकल्स एचए की प्रतिरक्षी शक्ति बढ़ा देता है या फिर इंफ्लूएंजा वायरस (influenza Vaccine) के विभिन्न स्ट्रेन के प्रति प्रतिरक्षी प्रतिक्रिया को प्रोत्साहित करता है। एचए का आधार (स्टाक) क्षेत्र को नैनो पार्टिकल्स एंटीबाडी के प्रति अधिक उत्प्रेरित करता है।
इंस्टीट्यूट फार बायोमेडिकल साइंसेज के शोधकर्ता तथा इस शोध के प्रथम लेखक डाक्टर चुनहोंग डोंग ने बताया कि नैनो पार्टिकल्स में अगली पीढ़ी के इंफ्लूएंजा वैक्सीन (influenza Vaccine) के विकास के लिए अहम विशिष्टिताएं और व्यापक संभावनाएं हैं।
हालांकि, उन्होंने कहा कि प्रयोग के दौरान नैनो पार्टिकल्स वाले वैक्सीन का कोई दुष्प्रभाव नहीं देखा गया है, लेकिन इसके क्लिनिकल ट्रायल से पहले अभी और भी शोध की जरूरत है।