पंजाब कांग्रेस (Punjab Congress) के प्रमुख नवजोत सिंह सिद्धू (Navjot Singh Sidhu) ने उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी (Lakhimpur Kheri Case) में हुई किसानों की हत्या के खिलाफ गुरुवार को कांग्रेस का मार्च शुरू किया. वह कांग्रेस कार्यकर्ताओं के साथ लखीमपुर खीरी जा रहे हैं. इसके साथ ही उन्होंने चेतावनी दी है कि अगर कल (8 अक्टूबर) तक मामले में आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं हुई तो वह भूख हड़ताल पर बैठेंगे. मोहाली के एयरपोर्ट चौक से नवजोत सिंह सिद्धू का काफिला गुरुवार को लखीमपुर खीरी के लिए रवाना हो चुका है. इस दौरान वहां पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी भी मौजूद रहे. नवजोत सिंह सिद्धू के साथ पंजाब के कैबिनेट मंत्री और कुछ विधायक भी इस प्रदर्शन में शामिल हैं. सिद्धू ने कहा है कि कुछ भी हो जाए, लेकिन वह कर्तव्यपथ पर डटे रहेंगे.
पंजाब के कैबिनेट मंत्री परगट सिंह के मुताबिक जहां भी इस काफिले को रोका गया, वहीं पर शांतिपूर्ण प्रदर्शन शुरू किया जाएगा और वो उम्मीद करते हैं कि उत्तर प्रदेश सरकार उन्हें लखीमपुर खीरी तक जाने की इजाजत देगी. इससे पहले सुबह प्रोटेस्ट मार्च को लेकर मोहाली के जीरकपुर में एयरपोर्ट रोड पर कांग्रेस कार्यकर्ता इकट्ठा हुए. मोहाली एयरपोर्ट रोड पर सीएम चरणजीत सिंह चन्नी और नवजोत सिंह सिद्धू के बड़े-बड़े पोस्टर लगाए गए हैं.
बता दें कि सिद्धू ने पिछले दिनों कांग्रेस की पंजाब इकाई के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया था, हालांकि उसे पार्टी ने अभी तक स्वीकार नहीं किया है. इससे पहले सिद्धू ने मंगलवार को भी चेतावनी दी थी कि अगर किसानों की हत्या के सिलसिले में केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा के बेटे को गिरफ्तार नहीं किया गया, तो कांग्रेस की पंजाब इकाई उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी के लिए कूच करेगी.
पार्टी नेता प्रियंका गांधी वाड्रा को हिरासत में लेने को लेकर उत्तर प्रदेश पुलिस पर बुधवार को हमला बोलते हुए सिद्धू ने पुलिस पर संविधान की भावनाओं का उल्लंघन करने का आरोप भी लगाया. सिद्धू ने बुधवार को ट्वीट किया था, ’54 घंटे हो चुके हैं. प्रियंका गांधी जी को अदालत के समक्ष पेश नहीं किया गया. गैरकानूनी तरीके से 24 घंटे से अधिक समय तक हिरासत में रखना मौलिक अधिकारों का स्पष्ट उल्लंघन है. बीजेपी और उत्तर प्रदेश पुलिस आप संविधान की भावना का हनन कर रहे हैं, हमारे बुनियादी मानवाधिकारों को ठेस पहुंचा रहे हैं.’
कांग्रेस नेताओं का दावा है कि इस प्रोटेस्ट मार्च में पूरे पंजाब से करीब 10,000 के आसपास गाड़ियां जुड़ेंगी. खुद नवजोत सिंह सिद्धू ने हर विधानसभा क्षेत्र (पंजाब के कुल 117 विधानसभा क्षेत्र) के तमाम विधायकों और नेताओं को अपने-अपने विधानसभा क्षेत्र से 200 गाड़ी प्रति नेता के साथ इस प्रोटेस्ट मार्च में शामिल होने के लिए कहा था. माना जा रहा है कि ये प्रोटेस्ट मार्च नवजोत सिंह सिद्धू के लिए शक्ति परीक्षण की तरह है और इसी वजह से नवजोत सिंह सिद्धू इस प्रोटेस्ट मार्च में कार्यकर्ताओं की भारी भीड़ और वाहनों की लंबी कतारें जुटाने की कोशिश में लगे हैं. इस प्रोटेस्ट मार्च को उत्तर प्रदेश पुलिस की ओर से सहारनपुर के नजदीक हरियाणा सीमा पर ही रोका जा सकता है.
पंजाब प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू ने आज पंजाब से यूपी जाने के लिए पंजाब के सभी नेताओं को पटियाला के राजपुरा टोल प्लाजा पर इकट्ठा होने के लिए कहा था और यहां से काफिले के रूप में यूपी के लिए सभी मंत्रियों, विधायकों और नेताओं को रवाना होना था, लेकिन सिद्धू के काफिले का टोल प्लाजा पर कई महीनों से प्रदर्शन कर रहे किसानों ने विरोध किया. चंडीगढ़-पटियाला रोड पर राजपुरा के पास पिछले काफी समय से किसान इस टोल प्लाजा को बंद कर बैठे हैं.
किसानों का आरोप है कि आज सिद्धू ने अपनी यूपी यात्रा के लिए हमारे इस टोल प्लाजा को चुना और सभी को यहां से इकट्ठा होकर चलने को कहा, लेकिन हम सिद्धू को यहां का क्रेडिट लेने नहीं देंगे. किसानों ने पूछा कि पिछले 6 महीने से सिद्धू कहां थे, हम से आंख मिलाकर बात करें. साथ ही कहा कि जब कभी सिद्धू हमारा कुछ करेगा तब देखेंगे. इस दौरान किसान नेताओं ने जमकर सिद्धू के खिलाफ नारेबाजी की. जैसे ही सिद्धू की गाड़ियों का काफिला करीब आया तो किसानों ने काली झंडियां दिखाकर काफिले को यहां से भगा दिया.
उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के दौरे को लेकर किसानों के विरोध प्रदर्शन के दौरान रविवार को लखीमपुर खीरी जिले के तिकोनिया इलाके में चार किसानों समेत 8 लोगों की मौत हो गई. संयुक्त किसान मोर्चा (SKM) ने आरोप लगाया कि कुछ प्रदर्शनकारी किसानों को कथित रूप से दो ‘एसयूवी’ वाहनों से कुचला गया. किसान नेताओं ने आरोप लगाया कि केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय कुमार मिश्रा का बेटा कथित रूप से दुर्घटना में शामिल एक एसयूवी कार में सवार था.
केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा ने रविवार को कहा था कि उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में प्रदर्शन कर रहे किसानों में ‘‘कुछ लोगों’’ ने बीजेपी के तीन कार्यकर्ताओं और एक चालक को पीट-पीटकर मार डाला. मिश्रा ने कहा कि उनका बेटा मौके पर मौजूद नहीं था, जैसा कि कुछ किसान नेताओं ने आरोप लगाया है और इसे साबित करने के लिए उनके पास तस्वीर और वीडियो साक्ष्य हैं.