Narendra Singh Tomar speech in Rajya Sabha

PM मोदी की लोगों से अपील-नरेंद्र सिंह तोमर का यह स्पीच जरूर सुनें

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर लोगों से अपील की है कि आज राज्यसभा में कृषि मंत्री Narendra Singh Tomar द्वारा दिए गए स्पीच को अवश्य सुनें। PM ने कहा कि कृषि मंत्री Narendra Singh Tomar ने राज्यसभा में कृषि सुधार कानूनों से जुड़े प्रत्येक पहलू को लेकर विस्तार से जानकारी दी। मेरा विनम्र निवेदन है कि उनकी यह स्पीच जरूर सुनें। ट्वीट में PM Modi ने एक YOU TUBE का लिंक भी शेयर किया है।

बता दें कि केंद्र द्वारा लाए गए कृषि कानूनों के मसले पर शुक्रवार को कृषि मंत्री Narendra Singh Tomar ने राज्यसभा में अपनी बात कही। कृषि मंत्री ने कहा कि भारत सरकार लगातार किसानों से बात करने में लगी हुई है। Narendra Singh Tomar इस दौरान विपक्ष पर जमकर बरसे। इसके साथ ही कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने राज्यसभा में कृषि सुधार कानूनों से जुड़े प्रत्येक पहलू को लेकर विस्तार से जानकारी दी।


जानें- किसान आंदोलन को लेकर कृषि मंत्री का संबोधन

किसान आंदोलन पर नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि विपक्ष सरकार को किसान आंदोलन के मुद्दे पर घेर रहा है और तीनों नए कानूनों को काला कानून बता रहा है। लेकिन इन कानूनों में ‘काला’ क्या है, कोई ये भी बताए. कृषि मंत्री बोले कि नए एक्ट के तहत किसान अपने सामान को कहीं भी बेच सकेगा। कृषि मंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार का एक्ट राज्य सरकार के टैक्स को खत्म करता है, लेकिन राज्य सरकार का कानून टैक्स देने की बात करता है। Narendra Singh Tomar ने कहा कि जो टैक्स लेना चाह रहा है, आंदोलन उनके खिलाफ होना चाहिए लेकिन यहां उल्टी गंगा बह रही है। कृषि मंत्री Narendra Singh Tomar ने कहा कि पंजाब सरकार के एक्ट के मुताबिक अगर किसान कोई गलती करता है, तो किसान को सजा होगी। लेकिन केंद्र सरकार के एक्ट में ऐसी कोई बात नहीं है।


खून से खेती करती है कांग्रेस’

कृषि मंत्री बोले कि हमने किसान संगठनों के साथ 12 बार बात की, उनके खिलाफ कुछ नहीं कहा और बार-बार यही कहा है कि आप क्या बदलाव चाहते हैं वो हमें बता दीजिए। Narendra Singh Tomar ने कहा कि अगर हमारी सरकार कानून में बदलाव कर रही है, तो इसका मतलब ये नहीं है कि कृषि कानून गलत है। कृषि मंत्री ने कहा कि सिर्फ एक राज्य के किसानों को बरगलाया जा रहा है, किसानों को डराया जा रहा है। खेती पानी से होती है, लेकिन सिर्फ कांग्रेस ही है जो खून से खेती कर सकती है। केंद्र सरकार जो कानून लाई है, उसके मुताबिक किसान कभी भी कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग से अलग हो सकता है।

गौरतलब है कि तीनों कृषि कानूनों को वापस लिए जाने की मांग करते हुए किसान दिल्ली की सीमाओं पर करीब ढाई महीने से आंदोलन कर रहे हैं। उनका कहना है कि इन कानूनों से मंडी व्यवस्था खत्म हो जाएगी और वे बड़े कारपोरेट घरानों की दया पर निर्भर हो जाएंगे। वहीं दूसरी ओर सरकार का तर्क है कि किसानों के हित में लाए गए इन कानूनों से किसानों की आमदनी बढ़ेगी।

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