देश अभी काफी ख़राब समय से गुज़र रहा है जहां एक मुसीबत खत्म नहीं होती वहीँ दूसरी नई आफत आ जाती है । कोरोना वायरस का असर अभी थोडा ही कम हुआ था कि नई बिमारी ब्लैक फंगस के रूप में आ गयी । कोरोना वायरस के खतरों के बीच प्रदेश में ब्लैक फंगस भी कहर बरपा रहा है। अब तक मरीजों की संख्या एक हजार के करीब पहुंच गई है। 54 मरीजों की आंखें निकालनी पड़ी हैं, जबकि 80 लोगों ने जान गंवा दी है। दावों के विपरीत हकीकत यह है कि अब तक इसका मुकम्मल इलाज ठीक से शुरू नहीं हो सका है। बड़े शहरों में तो तत्काल इलाज मिल भी रहा है, लेकिन छोटे शहरों से मरीजों को सिर्फ रेफर किया जा रहा है। जब तक वह हायर सेंटर पहुंच रहे हैं तब तक हालत बिगड़ चुकी होती है। दवाएं और इंजेक्शन न मिलने के मामले भी काफी सामने आ रहे है ।
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गाजियाबाद के एक मरीज में तीनों ही फंगस के लक्षण सामने आये थे। उसे बचाने के लिए इंजेक्शन की जरूरत थी, लेकिन इंजेक्शन नहीं मिल सका और उसकी जान चली गई। इलाज वक्त पर नहीं मिल रहा है इसको ऐसे भी समझा जा सकता है कि शाहजहांपुर में 5 मरीज मिले थे लेकिन जब तक वह रेफर होकर बड़े शहर पहुंचते दो मरीजों की मौत हो गई। इसी तरह पीलीभीत में तीन ही मरीज मिले लेकिन उनमें से भी एक की भी जान नहीं बचायी जा सकी ।