Cabinet Minister

मोदी सरकार ने टेलिकॉम, ऑटो, ऑटो कंपोनेंट सेक्टर के लिए की बड़ी घोषणा

PM नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक (Cabinet Meeting Decision) में बुधवार को बड़ा फैसला हुआ है। मोदी कैबिनेट ने टेलिकॉम सेक्टर (Telecom Sector Package Approved) के लिए राहत पैकेज मंजूर कर लिया है। केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि मोदी कैबिनेट ने ऑटो और ऑटो कंपोनेंट सेक्टर के लिए भी पीएलआई स्कीम को मंजूरी दी है। इसके अलावा देश में ड्रोन के लिए भी पीएलआई स्कीम को मंजूरी मिल गई है।

India की GDP में ऑटो क्षेत्र की हिस्सेदारी 12% तक बढ़ाने का लक्ष्य है, जो अभी 7.1% है। मोदी कैबिनेट ने बुधवार को ऑटो सेक्टर के लिए 26,000 करोड़ का पैकेज दिया है। मोदी सरकार को उम्मीद है कि कैबिनेट के इस फैसले से अगले तीन साल में ड्रोन सेक्टर में 5000 करोड़ का निवेश आ सकता है।

मोदी सरकार में मंत्री अनुराग ठाकुर ने बताया कि ऑटो सेक्टर के लिए PLI स्कीम को मंजूरी मिल गई है। ऑटो, ऑटो कंपोनेंट, ड्रोन इंडस्ट्री के लिए PLI स्कीम शुरू की गई है। मोदी सरकार ने इन तीनों सेक्टर के लिए 26,058 करोड़ रुपये का प्रावधान किया है। इससे ऑटोमोबाइल सेक्टर को बूस्ट मिलेगा और 7.60 लाख से अधिक लोगों को रोजगार मिलेगा। इस फैसले से ऑटो सेक्टर में विदेशी निवेश बढ़ने की भी उम्मीद है।

PLI स्कीम की घोषणा के साथ मोदी सरकार जीडीपी में ऑटो क्षेत्र की हिस्सेदारी 12% तक बढ़ाना चाहती है, जो अभी 7.1% है। इसीलिए भारत के ऑटो और कंपोनेंट बाजार के लिए PLI स्कीम लाया गया है। अनुराग ठाकुर ने कहा कि इससे भारत को ग्लोबल प्लेयर बनाने में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा, “इस समय करीब 17 अरब डॉलर के कंपोनेंट विदेश से आते हैं, सरकार का उद्देश्य यह है कि इसे भारत में ही बनाया जाय। PLI स्कीम से आयात को कम करने में मदद मिलेगी।” उन्होंने बताया कि PLI स्कीम के तहत चुनी गई कंपनियों को 5 साल तक निवेश करना होगा। निवेश की सीमा अलग अलग है। यह इंसेंटिव पांच साल तक मिलेगा।

टेलिकॉम सेक्टर में अब डिजिटल फॉर्मेट में सिम खरीदने वाले कस्टमर का वेरिफिकेशन होगा। हर साल की आखिरी तिमाही में ऑक्शन होगा। प्रीपेड से पोस्टपेड में जाने पर दोबारा KYC नहीं। सेल्फ डिक्लेरेशन के आधार पर टावर का इंस्टालेशन होगा। 1953 के नोटिफिकेशन के हिसाब से लाइसेंस राज खत्म हो गया है। इक्विपमेंट खरीदने में अब कोई दिक्कत नहीं होगी। सरकार चाहती है कि लगातार बदलते तकनीक के इस दौर में कंपनियां 4g/5g टेक को भारत में डिजाईन कर उसे दुनिया भर में निर्यात करें।

अनुराग ठाकुर ने बताया कि टेलीकॉम कंपनियों को राहत देने के लिए पैकेज की घोषणा की गई है। टेलिकॉम सेक्टर में अब 100 फ़ीसदी ऑटोमेटिक रूट से निवेश किया जा सकेगा। टेलीकॉम शेयरिंग में कोई बंधन न हो इसके लिए स्पेक्ट्रम शेयरिंग को पूरी तरह अलाउ किया गया है।

टेलीकॉम सेक्टर में अभी जितने भी ड्यूज हैं, जितनी भी कंपनियों पर ड्यूज हैं, उनके लिए 4 साल का मोरेटोरियम अप्रूव हुआ है। मोरेटोरियम अमाउंट पर ड्यूज देना होगा। इसके लिए ब्याज दर MCLR रेट+2% है। बैंक की बैलेंस सीट में टेलीकॉम सेक्टर से रिलेटेड जो भी एक्सपोजर था, वह कम हो जाएगा। केंद्र सरकार ने नॉन टेलिकॉम कारोबार को AGR के दायरे से बाहर कर दिया है। ब्याज दरों में राहत दी गई है, पेनाल्टी को पूरी तरह खत्म कर दिया गया है। स्पेक्ट्रम शुल्क का भुगतान 30 साल में किया जा सकेगा। बिजनेस मॉडल में बदलाव होने के बाद स्पेक्ट्रम को सरेंडर किया जा सकता है, स्पेक्ट्रम शेयरिंग में कोई बंधन नहीं है।

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

बिहार के इन 2 हजार लोगों का धर्म क्या है? विश्व का सबसे अमीर क्रिकेट बोर्ड कौन सा है? दंतेवाड़ा एक बार फिर नक्सली हमले से दहल उठा SATISH KAUSHIK PASSES AWAY: हंसाते हंसाते रुला गए सतीश, हृदयगति रुकने से हुआ निधन India beat new Zealand 3-0. भारत ने किया कीवियों का सूपड़ा साफ, बने नम्बर 1