प्रवासी श्रमिकों के मुद्दे पर योगी सरकार को कटघरे में खड़ा कर रही कांग्रेस अपने ही विधायक के निशाने पर आ गई है। रायबरेली सदर सीट से कांग्रेस विधायक Aditi Singh ने प्रवासी श्रमिकों के लिए 1000 बसों का प्रबंध करने के फर्जी वादे पर अपनी ही पार्टी की आलोचना की है। वहीं पूरी तत्परता से महामारी से पीड़ित जनता को बचाने के लिए सरकार के प्रयासों की सराहना करते हुए CM योगी की तारीफ की है।
विधायक Aditi Singh ने ट्वीटर पर अपनी ही पार्टी की जमकर लानत-मलानत की। Aditi Singh ने लिखा, आपदा के वक्त ऐसी निम्न सियासत की क्या जरूरत,एक हजार बसों की सूची भेजी, उसमें भी आधी से ज्यादा बसों का फर्जीवाड़ा, 297 कबाड़ बसें, 98 आटो रिक्शा व एबुंलेंस जैसी गाड़ियां, 68 वाहन बिना कागजात के, ये कैसा क्रूर मजाक है, अगर बसें थीं तो राजस्थान,पंजाब, महाराष्ट्र में क्यूं नहीं लगाई।
अपने दूसरे ट्वीट में विधायक ने लिखा, कोटा में जब यूपी के हजारों बच्चे फंसे थे तब कहां थीं ये तथाकथित बसें। तब कांग्रेस सरकार इन बच्चों को घर तक तो छोड़िए, बार्डर तक ना छोड़ पाई। तब उत्तर प्रदेश के CM योगी आदित्यनाथ ने रातों रात बसें लगाकर इन बच्चों को घर पहुंचाया। खुद राजस्थान के CM ने भी इसकी तारीफ की थी।
कांग्रेस ने प्रवासी श्रमिकों के साथ हो रहे हादसों का हवाला देते हुए पार्टी की तरफ से 1000 बसों का इंतजाम करने का दावा किया था। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी की अपील पर CM योगी आदित्यनाथ ने इन बसों को यूपी में चलाने की अनुमति दे दी। लेकिन उससे पहले सरकार ने इन बसों का फिटनेस सर्टिफिकेट, चालकों, परिचालकों का पूरा विवरण आदि मांगा।
कांग्रेस ने जब बसों की सूची भेजी तो जांच में पाया गया कि उनमें सैकड़ों वाहन बस नहीं बल्कि ऑटो, एम्बुलेंस, DCM आदि हैं। इसके बाद सरकार ने इस मामले में प्रियंका गांधी के निजी सचिव व उत्तर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू के खिलाफ धोखाधड़ी की रिपोर्ट दर्ज कर ली है।