जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन कानून में हुई चूक, 35 दिन बाद सुधारी गई

राज्य को 2 हिस्सों लद्धाख और जम्मू-कश्मीर में बांटने वाले पुनर्गठन कानून में बचकानी स्पेलिंग के साथ व्याकरण की गलतियां भी हैं। मिसाल के तौर पर एडमिनिस्ट्रेटर को एडमिंस्ट्रेटर, शैडयूल्ड कास्ट को शैडयूल्ड कैस्टेस, इंस्टीट्यूशन ऐक्ट 2004 को इंस्टीट्यूट ऐक्ट 2004,जहां पब्लिश्ड होना चाहिए था वहां पब्लिश लिखा गया है, नॉट विथस्टंडिंग को नाउ विथस्टंडिंग, एंट्री4 को एंट्री2, आर्टिकल को आर्टकल, चाइल्ड को चिल्डस, 2007 को 2006, 1993 को 1994 आदि। कुछ राजनीतिक दलों ने सरकार की आलोचना करते हुए कहा था कि बिल जल्दबाजी में लाया गया है। इस कानून के अनुसार 31 अक्तूबर से राज्य का विभाजन लागू हो जाएगा। बिल में यह भी शामिल था कि जम्मू-कश्मीर की संसदीय सीटों का परिसीमन होगा। लेकिन संशोधन में ये वाक्य हटा दिया गया है।

जम्मू-कश्मीर के पुनर्गठन के विधेयक की भाषा में 50 से ज्यादा शब्दों में गलतियां थी। ये कानून संसद ने 6 अगस्त को पारित कर दिया था। ये गलतियां सामने आने पर केंद्र सरकार ने भाषा का संशोधन किया, और कानून एवं न्याय मंत्रालय द्वारा जारी दो पेजों के नोट में भाषा की इन मामूली गलतियों को दुरुस्त किया गया है। इन मामूली गलतियों के कारण सरकार को असहज स्थिति का सामना करना पड़ा है। हालाँकि अब 35 दिन बाद ही सही लेकिन ये भूल सुधार ली गई है।

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