निजी कंपनियां चलाएंगी 109 जोड़ी यात्री ट्रेनें, सरकार ने मांगे आवेदन

केंद्र सरकार ने रेलवे में निजीकरण को बढ़ावा देने के लिए बड़ा फैसला लिया है। रेल मंत्रालय ने 109 जोड़ी प्राइवेट ट्रेनें चलाने के लिए रिक्वेस्ट फॉर क्वॉलिफिकेशन (RFQ) मांगा है। सरकार का कहना है कि इससे रेलवे में निवेश बढ़ेगा, और यात्रियों को बेहतर सुविधाएं मिलेंगी।

इसके लिए पूरे देश के रेलवे नेटवर्क को 12 क्लस्टर में बांटा गया है, इन्हीं 12 क्लस्टर में 109 जोड़ी ये प्राइवेट ट्रेनें चलेंगी। रेलवे के मुताबिक हर ट्रेन कम से कम 16 डिब्बे होंगे, और ये ट्रेनें अधिकतम 160 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चलेंगी। इसके लिए 100 रूट्स की पहचान की गई है।

रेल मंत्रालय के मुताबिक ये यात्री ट्रेनें चलाने के लिए प्राइवेट पार्टनर को आमंत्रित किया गया है। मंत्रालय को उम्मीद है कि प्राइवेट की भागीदारी से रेलवे में 30 हजार करोड़ रुपये का निवेश आएगा।

दरअसल, पहली बार प्राइवेट कंपनियों को सीधे तौर पर यात्री ट्रेनें चलाने के लिए जिम्मेदारी दी जा रही है। रेलवे के मुताबिक इसका मकसद भारतीय रेल में नई तकनीक का विकास करना है ताकि मेंटेनेंस कॉस्ट को कम किया जा सके। रेलवे का दावा है कि इससे नई नौकरियों के अवसर भी पैदा होंगे। सेफ्टी का भरोसा मजबूत होगा और यात्रियों को वर्ल्ड क्लास ट्रैवल का अनुभव होगा।

रेलवे ने 35 साल के लिए ये प्रोजेक्ट प्राइवेट कंपनियों को देगी. प्राइवेट पार्टीज को एनर्जी और हौलेज चार्ज खपत के हिसाब से देना होगा। हालांकि ये सभी ट्रेनें भारतीय रेलवे के ड्राइवर और गार्ड ऑपरेट करेंगे। रेलवे के ये 109 जोड़ी सभी ट्रेनें भारत में निर्मित होंगी। जिससे मेक इन इंडिया को बढ़ावा मिलेगा। निजी कंपनियों की गाड़ियों के वित्तपोषण, खरीद, संचालन और रखरखाव के लिए जिम्मेदार होगी।

Leave a Comment

Your email address will not be published.

बिहार के इन 2 हजार लोगों का धर्म क्या है? विश्व का सबसे अमीर क्रिकेट बोर्ड कौन सा है? दंतेवाड़ा एक बार फिर नक्सली हमले से दहल उठा SATISH KAUSHIK PASSES AWAY: हंसाते हंसाते रुला गए सतीश, हृदयगति रुकने से हुआ निधन India beat new Zealand 3-0. भारत ने किया कीवियों का सूपड़ा साफ, बने नम्बर 1