रूस-यूक्रेन (Russia-Ukraine Border) सीमा पर बढ़ते तनाव से विश्व युद्ध की आशंका गहरा गई है। जानकारों ने चेतावनी दी है कि यदि हालात नहीं सुधरे तो एक महीने के भीतर दुनिया को कोरोना (Coronavirus) संकट के बीच भीषण युद्ध का सामना करना पड़ेग। रूस ने हाल ही में विवादित सीमा पर अपने 4,000 सैनिकों को भेजा है। रूसी सेना के इस बड़े मूवमेंट से जहां यूरोप हाई अलर्ट पर है, वहीं विश्व युद्ध का खतरा भी मंडराने लगा है।
खबर के अनुसार, स्वतंत्र रूसी सैन्य विश्लेषक पावेल फेलगेनहर (Pavel Felgenhauer) का कहना है कि जिस तरह के हालात हैं उसे देखते हुए यह कहना गलत नहीं होगा कि अगले कुछ हफ्तों में यूरोपीय या विश्व युद्ध जैसा बड़ा खतरा सामने आने वाला है। उन्होंने आगे कहा, ‘खतरा बढ़ रहा है और तेजी से बढ़ रहा है। मीडिया में भले ही इस बारे में ज्यादा बात न हो, लेकिन हमें बेहद बुरे संकेत दिखाई दे रहे हैं’।
पावेल फेलगेनहर ने कहा कि यह विवाद केवल दो देशों तक ही सीमित नहीं रहेगा। इसमें यूरोपीय या विश्व स्तर पर युद्ध का रूप लेने की भी क्षमता है। फेलगेनहर का यह बयान रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन (Vladimir Putin) के उस आदेश के बाद आया है, जिसके तहत उन्होंने टैंक और अन्य बख्तरबंद वाहनों के साथ 4,000 रूसी सैनिकों को विवादित सीमा पर भेजा है।
पिछले हफ्ते यूक्रेन के कमांडर-इन-चीफ रुसलान खोमच (Ruslan Khomcha) ने संसद में कहा था कि रूसी संघ हमारे देश के प्रति आक्रामक नीति जारी रखे हुए है। रूस ने कम से कम अतिरिक्त 25 टेक्टिक ग्रुप को बॉर्डर एरिया में तैनात किया है। ये सभी यूक्रेन की सीमा पर पहले से तैनात रूसी सैनिकों के अलावा हैं। वहीं, रूस का कहना है कि उसकी सेना के मूवमेंट से किसी को घबराने की जरूरत नहीं है। वो कोई युद्ध की तैयारी नहीं कर रहा है।
रूस और यूक्रेन के बीच यदि युद्ध होता है, तो उसके विश्व युद्ध में बदलने के कई कारण हैं। सबसे पहला तो यही कि रूस और अमेरिका (America) धुर विरोधी हैं और यूक्रेन अमेरिका का करीबी। यदि रूस यूक्रेन को नुकसान पहुंचाता है, तो अमेरिका उसका साथ देगा और इस तरह अन्य देश भी उनसे जुड़ते जाएंगे। हाल ही में अमेरिका से सैन्य हथियारों से लदा एक कार्गो शिप यूक्रेन पहुंचा था। जिस पर रूस ने कड़ी आपत्ति जताई थी। बता दें कि रूस पहले से ही यूक्रेन और अमेरिका में बढ़ती हुई नजदीकी से चिढ़ा हुआ है।