श्रीलंका (Sri Lanka) में प्रदर्शनकारियों ने गुरुवार को राष्ट्रपति कार्यालय के बाहर अपने पारंपरिक नववर्ष का जश्न मनाते हुए एक दूसरे से दूध-चावल व केक साझा किए। राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे के कार्यालय के प्रवेश द्वार पर प्रदर्शन कर रहे लोग उन्हें देश की खस्ताहाल आर्थिक स्थिति (economic crisis) के लिए जिम्मेदार ठहरा रहे हैं। वे भ्रष्टाचार व कुशासन का आरोप लगाते हुए उनके शक्तिशाली परिवार से सत्ता छोड़ने की अपील भी कर रहे हैं और बुधवार को प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे के वार्ता प्रस्ताव को ठुकरा चुके हैं।
प्रदर्शनकारियों ने डाला डेरा
प्रदर्शनकारियों ने सुबह 8.41 बजे नए साल के जश्न की शुरुआत की। 9.07 बजे शुभ मुहूर्त में दूध उबाला। श्रीलंका (Sri Lanka) में नववर्ष पर शुभ मुहूर्त में दूध का गिरना कल्याण सूचक माना जाता है। नए साल के पहले भोजन के समय (सुबह 10.17 बजे) पर उन्होंने राष्ट्रपति कार्यालय के बाहर पारंपरिक मिठाइयां बांटीं, जहां वे शनिवार से डेरा डाले हैं। वे कथित भ्रष्ट राजनीतिक संस्कृति में आमूलचूल परिवर्तन की भी मांग कर रहे हैं। प्रदर्शन में श्रीलंका (Sri Lanka) के दिग्गज संगीतकार विक्टर रत्नायके व पूर्व क्रिकेटर रोशन महानामा भी शामिल हुए।
संकट में सरकार
उल्लेखनीय है कि राजपक्षे परिवार श्रीलंका (Sri Lanka)की सत्ता में लंबे समय से काबिज है। राष्ट्रपति गोटाबाया ने इस्तीफे से इन्कार कर दिया है, जबकि उनकी कैबिनेट के सदस्य इस्तीफा दे चुके हैं। विपक्षी दलों ने सरकार में शामिल होने की अनिच्छा जताई है, जिसकी वजह से कैबिनेट में सिर्फ चार नए मंत्रियों की ही नियुक्ति हो सकी है।
फिच ने श्रीलंका की रेटिंग गिराई
अंतरराष्ट्रीय रेटिंग एजेंसी फिच ने श्रीलंका (Sri Lanka) की सोवरिंग रेटिंग सीसीसी से गिराकर सी कर दी है। श्रीलंका को 18 अप्रैल को 12.50 करोड़ डालर के बांड का भुगतान करना है। अगर उस दिन बांड का भुगतान नहीं किया गया, तो फिच एक प्रतिबंधित डिफाल्ट रेटिंग आरडी जारी करेगी।
विश्व बैंक ने दिए सुझाव
इस बीच विश्व बैंक ने अपने अर्ध वार्षिक क्षेत्रीय अपडेट में कहा कि श्रीलंका में कर्ज व कर्ज सेवाओं को दुरुस्त करने, वित्तीय घाटा कम करने व वाह्य स्थिति बहाल करने के लिए तत्काल नीतिगत उपाय करने की जरूरत है। उसने दक्षिण एशिया में 6.3 प्रतिशत की आर्थिक वृद्धि का अनुमान लगाया है।
अस्पताल में दवाओं की किल्लत
स्वास्थ्य मंत्रालय ने देश के कुछ अस्पतालों में दवाओं व उपकरणों की किल्लत की बात कही है। न्यूजवायर ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि भारत समेत अन्य देशों से कर्ज मिलने में हो रही देरी के कारण दवाओं की आपूर्ति श्रृंखला बाधित हुई है। श्रीलंका के अधिकारियों ने अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों, विदेशी तथा अपने प्रवासी नागरिकों से दान देने की अपील की है।

