382 साल बाद शनि करेगा मौनी अमावस्या पर मकर राशि में प्रवेश; आज रात पृथ्वी, शनि और चंद्रमा रहेंगे एक कतार में

24 जनवरी को मौनी अमावस्या पर शनि स्वयं की राशि मकर में प्रवेश कर रहा है। ढाई साल तक एक राशि में रहने के बाद करीब हर 30 साल बाद शनि मकर राशि में आ जाता है, मौनी अमावस्या पर ऐसा 382 साल बाद हो रहा है। इससे पहले 26 जनवरी 1637 को मौनी अमावस्या पर शनि का मकर राशि में प्रवेश हुआ था। अब 29 अप्रैल 2022 को शनि राशि बदलेगा और कुंभ में प्रवेश करेगा।

शुक्रवार को अमावस्या के संयोग पर शनि, चंद्रमा के बेहद करीब आ जाएगा। चंद्रमा के पास शनि जीरो डिग्री पर रहेगा। इस तरह पृथ्वी, चंद्रमा और शनि तीनों एक लाइन में आ जाएंगे। उज्जैन के जीवाजी वेधशाला के ऑब्जर्वर भरत तिवारी के अनुसार, शनि का चंद्रमा के पास आना सामान्य घटना है, लेकिन इस अमावस्या पर अपनी ही राशि में प्रवेश करते हुए शनि का चंद्रमा के पास आ जाना दुर्लभ संयोग है।

मौनी अमावस्या 23-24 जनवरी मध्यरात्रि से 24-25 जनवरी मध्यरात्रि तक रहेगी। शास्त्रों के मुताबिक, इस माघी अमावस्या यानी मौनी अमावस्या पर सूर्याेदय के समय गंगा या अन्य नदियों में स्नान को पवित्र माना गया है। माना जाता है कि इस पर्व पर मौन धारण करने से आध्यात्मिक विकास होता है। इसी कारण यह अमावस्या मौनी अमावस्या कहलाती है।

इस दिन मनु ऋषि का जन्मदिन भी मनाया जाता है। इस दिन ऋषियों और पितरों की पूजा की जाती है। शनिदेव का जन्म ज्येष्ठ मास की अमावस्या पर हुआ था, यह इस साल 22 मई को है। इसलिए ज्योतिष शास्त्र के हिसाब से अमावस्या पर शनि का राशि परिवर्तन महत्वपूर्ण माना जा रहा है। शुक्रवार को अमावस्या होने से इसे शुभ माना गया है।

शनि की साढ़ेसाती और ढैया दोनों अलग-अलग स्थिति है। ढैया यानी ढाई साल का समय। साढ़ेसाती यानी ढाई-ढाई साल के तीन चरण। ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक, शनि एक राशि में ढाई साल तक रहता है। इस दौरान शनि की साढ़ेसाती उस राशि पर तो रहेगी, उसके साथ ही आगे वाली एक राशि और पीछे वाली एक राशि पर भी रहेगी। इस तरह एक बार में तीन राशियां साढ़ेसाती के प्रभाव में रहती हैं। जब शनि किसी राशि में प्रवेश करता है तो उस पर साढ़ेसाती के पहले ढाई साल पूरे हो चुके होते हैं और दूसरा चरण शुरू हो जाता है। अगली राशि पर साढ़ेसाती के शुरुआती ढाई साल होते हैं। ढैया का मतलब जिस राशि पर शनि की वक्र दृष्टि होती है और जिस राशि में शनि होता है उससे छठी राशि पर शनि की ढैया होती है।

मकर राशि में शनि के आने से कुंभ राशि पर साढ़ेसाती शुरू हो जाएगी। धनु और मकर राशि पर पहले से साढ़ेसाती चल रही मिथुन और तुला राशि पर शनि की ढैया रहेगी। यानी तुला राशि पर शनि की टेढ़ी नजर रहेगी और मिथुन राशि के साथ षडाष्टक योग बनेगा। मीन और कर्क राशि पर भी शनि की दृष्टि रहेगी। इस तरह 12 में से 7 राशियां पूरी तरह शनि से प्रभावित रहेंगी।

ज्योतिष शास्त्र कहता है कि शनि की चाल बदलने से वृश्चिक राशि से साढ़ेसाती खत्म होगी। वृष और कन्या राशि वाले भी शनि की ढैया से मुक्त हो जाएंगे। शनि के राशि परिवर्तन होने से धनु राशि पर साढ़ेसाती तो रहेगी, लेकिन इस राशि वालों पर शनि का अशुभ प्रभाव नहीं रहेगा। धनु राशि पर साढ़ेसाती के आखिरी ढाई साल होने से तरक्की, पद, प्रतिष्ठा और धन लाभ के योग बन रहे हैं।

शनि 11 मई से 28 सितंबर तक मकर राशि में ही वक्री रहेंगे। इन 142 दिन दिनों में साढ़ेसाती और ढैया से प्रभावित लोगों की परेशानियों में कमी आएगी, पर उनके काम भी धीमी गति से ही पूरे होंगे। जिस राशि पर साढ़ेसाती चलती है, उसका असर साढ़ेसात साल तक रहता है। असर इन सालों में कैसा होता है, इसका निर्धारण कुंडली में शनि की अच्छी और बुरी स्थिति देखकर पता चलता है।

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

बिहार के इन 2 हजार लोगों का धर्म क्या है? विश्व का सबसे अमीर क्रिकेट बोर्ड कौन सा है? दंतेवाड़ा एक बार फिर नक्सली हमले से दहल उठा SATISH KAUSHIK PASSES AWAY: हंसाते हंसाते रुला गए सतीश, हृदयगति रुकने से हुआ निधन India beat new Zealand 3-0. भारत ने किया कीवियों का सूपड़ा साफ, बने नम्बर 1