सांसद आजम खान की मोहम्मद अली जौहर विश्वविद्यालय की 104 बीघा जमीन को जब्त करने की कार्रवाई जिला प्रशासन ने आरम्भ कर दी है। REVENUE BOARD कोर्ट के अनुसार दलित किसानों के समूह से इस जमीन की खरीद-फरोख्त में नियमों की धज्जियां उड़ाई गई हैं। यह विश्वविद्यालय आजम खान ने बनवाया था और वह ही इसके कुलाधिपति भी हैं।
जमीन खरीद के मामले में हुई शिकायत पर जिलाधिकारी ने जांच कराई है। इस मामले में राजस्व परिषद द्वारा 11 मुकदमे दर्ज किए गए थे। इनकी पड़ताल में यह सामने आया कि जमीन अवैधानिक ढंग से खरीदी गई थी अब इस जमीन को राज्य सरकार के अधीन किया गया है। यह आदेश जारी होते ही जिला प्रशासन विश्वविद्यालय पहुंचा और पैमाइश कर जमीन पर कब्जा लेने की प्रक्रिया शुरू कर दी। विश्वविद्यालय के निर्माण के लिए दलितों की 104 बीघा जमीन जौहर ट्रस्ट के नाम खरीदी गई थी।
जिलाधिकारी आन्जनेय कुमार सिंह ने कहा कि रेवेन्यू बोर्ड से संबंधित दस्तावेज की 1 प्रति मिलने के बाद जमीन जब्त करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई। रेवेन्यू बोर्ड ने पाया कि जौहर ट्रस्ट ने 104 बीघा जमीन पर कब्जा करने के लिए उत्तर प्रदेश जमींदारी उन्मूलन और भूमि सुधार अधिनियम का उल्लंघन किया। मोहम्मद अली जौहर विश्वविद्यालय की एक इमारत को भी जब्त किया गया है, क्योंकि जौहर ट्रस्ट विश्वविद्यालय के निर्माण के लिए 1.37 करोड़ रुपए का उपकर जमा करने में असफल रहा है।