प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज अपने मासिक रेडियो कार्यक्रम Mann Ki Baat में देशवासियों को संबोधित किया। इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने Corona संक्रमण के इस संकट के बीच कहानियों के महत्व का जिक्र किया। इस दौरान PM Modi ने कहा, ‘कहानियों का इतिहास उतना ही पुराना है, जितनी मानव सभ्यता। कहानी की ताकत महसूस करना हो तो किसी मां को अपने बच्चों को खाना खिलाते वक्त कहानियां सुनाते हुए सुनें। भारत में किस्सागोई की परंपरा रही है। हमें गर्व है कि हम उस देश के वासी हैं, जहां ‘हितोपदेश’ और ‘पंचतंत्र’ की परंपरा रही है। जहां कहानियों में पशु-पक्षियों और परियों की काल्पनिक दुनिया गढ़ी गयी, ताकि, विवेक और बुद्धिमता की बातों को आसानी से समझाया जा सके।’
पीएम मोदी का ‘मन की बात’ कार्यक्रम ऑल इंडिया रेडियो, दूरदर्शन और नरेंद्र मोदी मोबाइल ऐप पर सुना जा सकता है, जिसमें पीएम मोदी अलग-अलग मुद्दों पर अपनी बात रखते हैं।
मन की बात में PM Modi ने कहा, ‘मुझे विश्वास है कि आप लोग ज़रूर इस काम को करेंगे। कहानी कहने की ये कला देश में और अधिक मजबूत बनें, और अधिक प्रचारित हो और सहज बने, इसलिए, आओ हम सब प्रयास करें।’
पीएम मोदी ने कहा, ‘मैं, कथा सुनाने वाले, सबसे, आग्रह करूँगा, हम, आज़ादी के 75 वर्ष मनाने जा रहें हैं, क्या हम हमारी कथाओं में पूरे गुलामी के कालखंड की जितनी प्रेरक घटनाएं हैं, उनको, कथाओं में प्रचारित कर सकते हैं! विशेषकर, 1857 से 1947 तक, हर छोटी-मोटी घटना से, अब, हमारी नयी पीढ़ी को, कथाओं के द्वारा परिचित करा सकते हैं।
पीएम मोदी ने कहा, ‘मैं ज़रूर आपसे आग्रह करूँगा, परिवार में, हर सप्ताह, आप, कहानियों के लिए कुछ समय निकालिए.… आप देखिये कि परिवार में कितना बड़ा खजाना हो जाएगा, रीसर्च का कितना बढ़िया काम हो जाएगा, हर किसी को कितना आनन्द आएगा और परिवार में एक नयी प्राण, नयी ऊर्जा आएगी. उसी प्रकार से हम एक काम और भी कर सकते हैं।’
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, ‘हम कथा-शास्त्र को और अधिक कैसे प्रचारित करें, पापुलर करें, और, हर घर में अच्छी कथा कहना, अच्छी कथा बच्चों को सुनाना, ये जन-जीवन की बहुत बड़ी क्रेडिट हो। ये वातावरण कैसे बनाएं, उस दिशा में हम सबने मिल करके काम करना चाहिए।’
मन की बात में PM Modi ने कहा, ‘बेंगलुरु में एक विक्रम श्रीधर हैं, जो बापू से जुड़ी कहानियों को लेकर बहुत उत्साहित हैं। और भी कई लोग, इस क्षेत्र में, काम कर रहे होंगे – आप ज़रूर उनके बारे में Social media पर शेयर करें।’
पीएम मोदी ने कहा, ‘कई ऐसे प्रयास भी हैं जो ग्रामीण भारत की कहानियों को खूब प्रचलित कर रहे हैं। वैशाली व्यवहारे देशपांडे जैसे कई लोग हैं जो इसे मराठी में भी लोकप्रिय बना रहे हैं। चेन्नई की श्रीविद्या वीर राघवन भी हमारी संस्कृति से जुड़ी कहानियों को प्रचारित, प्रसारित, करने में जुटी है, वहीँ, कथालय और The Indian story telling network नाम की दो website भी इस क्षेत्र में जबरदस्त कार्य कर रही हैं।’
पीएम मोदी ने कहा, ‘मुझे http://gaathastory.in जैसी website के बारे में जानकारी मिली, जिसे, अमर व्यास, बाकी लोगों के साथ मिलकर चलाते हैं। अमर व्यास, IIM अहमदाबाद से MBA करने के बाद विदेशों में चले गए, फिर वापिस आए।’
मन की बात में PM Modi ने कहा, ‘भारत में कठपुतली की जीवन्त परम्परा भी रही है। इन दिनों science और science fiction से जुड़ी कहानियां एवं कहानी कहने की विधा लोकप्रिय हो रही है। मैं देख रहा हूँ कि कई लोग किस्सागोई की कला को आगे बढाने के लिए सराहनीय पहल कर रहे हैं।
पीएम मोदी ने कहा, ‘तमिलनाडु और केरल में कहानी सुनाने की बहुत ही रोचक पद्धति है। इसे ‘विल्लू पाट्’ कहा जाता है। इसमें कहानी और संगीत का बहुत ही आकर्षक सामंजस्य होता है। हमारे यहाँ कथा की परंपरा रही है। ये धार्मिक कहानियां कहने की प्राचीन पद्धति है। इसमें ‘कताकालक्षेवम्’ भी शामिल रहा । हमारे यहां तरह-तरह की लोक-कथाएं प्रचलित हैं।’
पीएम मोदी ने कहा, ‘कहानियों का इतिहास उतना ही पुराना है, जितनी मानव सभ्यता। कहानी की ताकत महसूस करना हो तो किसी मां को अपने बच्चों को खाना खिलाते वक्त कहानियां सुनाते हुए सुनें। भारत में किस्सागोई की परंपरा रही है। हमें गर्व है कि हम उस देश के वासी हैं, जहां ‘हितोपदेश’ और ‘पंचतंत्र’ की परंपरा रही है। जहां कहानियों में पशु-पक्षियों और परियों की काल्पनिक दुनिया गढ़ी गयी, ताकि, विवेक और बुद्धिमता की बातों को आसानी से समझाया जा सके।’