मोदी सरकार का अगर चौतरफा विरोध हो रहा हो और कोई ध्यान से चारों दिशाओं से आने वाले विरोध के स्वर को सुने तो उसमें सबसे तेज आवाज पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की होगी। एनआरसी मुद्दे पर भी कुछ ऐसा ही हो रहा है। ममता ने सरकार को साफ शब्दों में चेतावनी दी है। गुरुवार को उन्होंने एनआरसी के खिलाफ विरोध मार्च निकाला है। उन्होंने कहा है कि ‘बंगाल में ऐसा नहीं कर पाओगे।’
इस विरोध मार्च में ममता समेत पार्टी के वरिष्ठ नेता और कार्यकर्ता शामिल हुए। बनर्जी ने कहा कि जिस तरह असम में लोगों की आवाज बंद की गई है उस तरह बंगाल में नहीं होगा।
तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो ममता ने मोदी सरकार को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि, ‘आपने जिस तरह असम में अपनी पुलिस का इस्तेमाल कर लोगों की आवाज दबाई, वैसा यहां बंगाल में नहीं कर पाओगे। अचानक आप हमें धर्म पर ज्ञान दे रहे हैं, जैसे हम ईद, दुर्गा पूजा, मुहर्रम और छठ पूजा मनाते ही ना हों’
केन्द्र सरकार ने असम एनआरसी की फाइनल लिस्ट 31 अगस्त को जारी की थी। इस लिस्ट में राज्य के 19 लाख से ज्यादा लोगों को देश का नागरिक नहीं माना गया है। मतलब कि ये लोग भारत में अवैध रूप से घुसे हैं और उन्हें बाहर जाना होगा। इस बात की जानकारी देते हुए एनआरसी राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर के स्टेट कॉर्डिनेटर प्रतीक हजेला ने बताया कि 3 करोड़ 11 लाख 21 हजार लोगों को एनआरसी की फाइनल लिस्ट में जगह मिली है। इस लिस्ट के जारी होने के बाद से काफी विवाद हो रहा है।