चुनाव प्रचार बन्द होते ही, बड़े बड़े दिग्गजों के चरित्र और मंशा का खुलासा होता जा रहा है।
चुनाव प्रचार के आखरी दिन जहां 40 साल से विधायक रहे गजराज सिंह ने दिन में कांग्रेस प्रत्याशी मानवी सिंह को अपनी बेटी बताया और शाम होते होते बहुजन समाज पार्टी के साथ प्रचार करते दिखे। ऐसे में इतने कद्दावर नेता का पलटी मारना उनकी साख पर बट्टा है। दिलचस्प बात तो यह है कि अभी भी उनकी गाड़ी पर कांग्रेस का झंडा मौजूद है। जब हापुड़ में कांग्रेस मजबूती की तरफ कदम बढ़ा रही है वहीं गजराज जैसे पुराने नेता अपने व्यक्तिगत लाभ या द्वेष के कारण पलटी मार रहे हैं।
ऐसा ही एक मामला बार एसोसिएशन से जुड़ा है जिनसे समर्थन लेने के बहाने फोटो खिंचाने की होड़ लगी है जहां दिन में सपा गठबंधन फोटो खिंचवाकर ढोल पिटता है वहीं शाम को बसपा प्रत्याशी फोटो खिंचवाकर हल्ला मचाता है। हालांकि बार एसोसिएशन ने ऐसे किसी भी समर्थन की बात को किया ही नहीं है।
ऐसे में हापुड़ की राजनीति में गहरी पैठ रखने वाले माननीय लोगों की बातें सिर्फ भ्रामकता भर रह गयी हैं।
आम जनता से हुई बातचीत में एक बात तो साफ होती दिख रही है कि लोग भी ऐसे माननीयों के हथकंडों को जान चुके हैं। और अपना वोट सोच समझ कर ही देंगे।