मुंबई में चल रही आतंक की पाठशाला, 5 से 6 राज्यों में विस्फोट की थी प्लानिंग, NIA ने ऐसे खोले ISIS मॉड्यूल के तार

NIA ने महाराष्ट्र ISIS मॉड्यूल केस में चार्जशीट दायर कर दी है. इसमें सामने आया है कि आतंकी देश के कई राज्यों में सिलसिलेवार धमाकों की प्लानिंग कर रहे थे. इस मामले से जुड़े सभी आतंकी पढ़े-लिखे हैं और मल्टीनेशनल कंपनियों में लाखों के पैकेज पर नौकरी कर रहे थे. इन्हें घरेलू चीजों से ही बम बनाने में महारत हामिल थी.

मुंबई में आतंक की पूरी पाठशाला चल रही थी. यहां आतंकियों ने लैब बना रखी थी और इसमें बने बम जंगल में टेस्ट किए जाते थे. आतंकी गतविधियों से जुड़े ये सभी लोग मल्टीनेशनल कंपनियों से जुड़े थे. जिन्हें लाखों रुपये सैलरी मिलती थी, इस सैलरी से ही वह ISIS मॉड्यूल को मजबूत कर रहे थे. पहचान छिपी रहे इसके लिए सभी कोडवर्ड का इस्तेमाल करते थे. इन सभी का प्लान देश के 5 से 6 राज्यों में बड़े विस्फोट करने का था. इनका मंसूबा पूरा होता इससे पहले ही NIA इन तक पहुंच गई.

मुंबई के ठाणे के पडघा के बोरीवली गांव को आतंकियों ने अलशाम यानी ग्रेटर सीरिया बना दिया था. NIA की ओर से दायर की गई चार्जशीट में इस बात का खुलासा हुआ है. इसमें बताया गया है कि सभी आतंकी उच्च शिक्षित थे और बड़ी-बड़ी कारपोरेट कंपनियों में नौकरी करते थे. इन्हें घरेलू सामानों से बम बनाने की ट्रेनिंग दी गई थी

पुणे में बनाते थे बम, जंगल में करते थे टेस्टिंग

आतंकियों ने बम बनाने के लिए पुणे में एक घर किराए पर लिया था. इसमें बम बनाने के लिए लैब बनाई गई थी. यहां जो बम तैयार होते थे उनकी टेस्टिंग पुणे के जंगलों में होती थी, ताकि किसी को इसकी भनक न लगे. जंगल में तंबू लगाकर कई-कई दिन तक आतंकी वहां रहते थे. यहां आने-जाने के लिए ये बाइक का इस्तेमाल करते थे, ताकि किसी को शक न हो. बाइक पर ही ये टेंट ले जाते थे. बम बनाने के लिए जो विधि थी उसकी पर्ची घर के सीलिंग फैन में छिपा रखी थी.

कोडवर्ड का करते थे इस्तेमाल

आतंकी अपनी पहचान छिपाने के लिए कोडवर्ड का इस्तेमाल करते थे, शिरका, शरबत और रोजवाटर से बम बनाने का सामान मंगाया जाता था. इसमें सल्फ्यूरिक एसिड को शिरका कहते थे, एसिटोन को रोज वाटर और हाइड्रोजन प्रीऑक्साइड को शरबत कहा जाता था. एरिया मैपिंग के लिए आतंकियों ने ड्रोन कैमरा रखा था. इसी से बम की टेस्टिंग के लिए लोकेशन तलाशी जाती थी. NIA की छापामार कार्रवाई में आतंकियों में पास इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस बनाने के लिए वाशिंग मशीन टाइमर, थर्मामीटर, स्पीकर वायर, 12-वोल्ट बल्ब, 9- वोल्ट बैटरी, फिल्टर पेपर, माचिस और सोडा पाउडर मिले थे जो कि घरेलू सामग्री है इसके जरिये ही बम बनाया जाता था.

5 से 6 राज्यों में सीरियल ब्लास्ट करने की थी प्लानिंग

आतंकियों ने देश के 5 से 6 राज्यों में सीरियल ब्लास्ट करने की प्लानिंग की थी. हालांकि उससे पहले ही ये धरे गए. दरअसल NIA ने ISIS मॉड्यूल केस के साथन जुलाई में महाराष्ट्र के कई इलाकों में छापेमारी की थी. इसी छापेमारी में मुंबई का ताबिश नासिर सिद्दीकी, जुल्फिकार अली बड़ौदावाला उर्फ लालाभाई, शरजील शेख, बोरीवली-पडघा का आकिफ अतीक नाचन, पुणे का जुबैर नूर मोहम्मद शेख उर्फ अबू नुसैबा और अदन अली सरकार पकड़े गए थे. ताबिश और जुल्फिकार ने आईएसआईएस के स्वयंभू खलीफा (नेता) के प्रति निष्ठा की शपथ भी ली थी.

पदघा में आतंक की पाठशाला

चौंकाने वाली बात यह है कि महाराष्ट्र के ठाणे जिले के पदघा स्थित बोरीवली में कई बैठकें इन्होंने की जिसमे ब्रेन वाश किया जाता था युवाओं का और ISIS की गतिविधियों को अंजाम देने की प्लानिंग करते थे. NIA के मुताबिक इनका मकसद भारत की सुरक्षा संस्कृति और लोकतांत्रिक प्रणाली को सिर्फ नुकसान पहुंचाना था जिससे भारत की छवि खराब हो देश के लोगों के बीच डर और आतंक के माहौल का जन्म हो.

कैसे हुआ था ISIS मॉड्यूल केस का खुलासा?

दरअसल बीते साल 18 जुलाई को पुणे में टू-व्हीलर चुराने के मामले में पेट्रोलिंग के दौरान पुणे की लोकल पुलिस ने शाहनवाज और मध्यप्रदेश के दो लोगों – मोहम्मद इमरान खान और मोहम्मद साकी को गिरफ्तार किया था. जब पुलिस पूछताछ के लिए उन्हें उनके ठिकाने पर ले जा रही थी तो शाहनवाज पुलिस की गाड़ी से कूदकर फरार हो गया था. इसके बाद मोहम्मद इमरान खान और मोहम्मद साकी से पूछताछ के दौरान पता चला कि दोनों सुफा टेररिस्ट गैंग का हिस्सा हैं. प्रैल 2022 में राजस्थान में एक कार में विस्फोटक मिलने के मामले में वहां की पुलिस उन्हें ढूंढ रही है. तब पुलिस ने इस मामले को पुणे ISIS मॉड्यूल केस नाम दिया और अब इसी केस में एक एक कर खुलासे हो रहे है.

बाद में ATS फिर NIA को ट्रांसफर हुआ केस

इसी बीच दिल्ली पुलिस की टीम ने 2 अक्टूबर 2023 को शाहनवाज को जैतपुर अरेस्ट किया और कई केमिकल सामग्री और IED बनाने के उपकरण उससे जब्त किए गए. पता चला कि केस में मास्टरमाइंडों को जोड़ा गया. इनमें फाइनेंसर IT इंजीनियर था. इसके बाद NIA नेく इमरान, यूनुस और शाहनवाज के लिंक पुणे की IT फर्म में काम करने वाले इंजीनियर जुल्फिकार अली से निकाला तो किसी को यकीन नही हुआ. जुल्फिकार को 3 जुलाई को गिरफ्तार किया गया था वो मुंबई की आर्थर रोड जेल में बंद है उसने फंडिंग दी थी आतंक की लैब और बैठकों के लिए ऑन लाइन फंड ट्रांसफर किये थे कैश भी दिया था.

जुल्फिकार ही इस केस का मास्टरमाइंड

महाराष्ट्र ISIS मॉड्यूल का मास्टरमाइंड जुल्फिकार को ही माना जा रहा है. उसने ही इमरान, यूनुस और शाहनवाज को ट्रेनिंग दिलवाई और पैसे पहुंचाए थे. इमरान तक पैसे पहुंचाने वाला कदीर दस्तगीर पठान भी पुलिस की गिरफ्त में है. डॉक्टर अदनान गरीब नौजवानों को ISIS में शामिल करा रहा था. इसके बाद डॉ. अदनान अली को पुणे से अरेस्ट किया गया. इसके फ्लैट में छापा मारा गया तो वहां डॉक्यूमेंट मिले जिससे ये पता चला कि ये गरीब मुसलमानों को आतंकी संगठन से जोड़ने का काम करता था. इसके अलावा 4 आरोपियों से यहूदी कम्युनिटी सेंटर की फोटो मिली इससे साफ हो गया कि ISIS के निशाने पर भारत ही नहीं, इजराइल के लोग भी थे इसके बाद मुंबई पुलिस ने कोलाबा में चाबड़ हाउस की सिक्योरिटी बढ़ा दी थी.

फिर ऐसे आगे बढ़ी जांच

NIA इसके बाद आकिफ अतीक नाचन तक पहुंची और उसके बाद शाकिब नाचन तक पहुंची, आकिफ खुद IED की टेस्टिंग में माहिर था उसने ही इमरान और मोहम्मद यूनुस को छिपाया था पुणे में आकिफ को मुंबई के बोरीवली, ठाणे और भिवंडी में हुई रेड के बाद अरेस्ट किया गया था. शाकिब नाचन इतना खूंखार था कि उसने पडघा बोरीवली गांव गांव का नाम बदलकर अल-शाम कर दिया था जिसका अरबी में अनुवाद ‘ग्रेटर सीरिया’ होता है. और शाकिब ने इस क्षेत्र को एक मुक्त क्षेत्र घोषित कर दिया था. इसके बाद दस दस दिसम्बर को NIA ने गांव में छापा मारा. यहां जाकिर नाइक के वीडियो आग्नेयास्त्र, तलवारें, 51 हमास के झंडे, 68 लाख नकद, 38 मोबाइल फोन और तीन हार्ड डिस्क जब्त किये गए. इसी में सामने आया कि मुंबई में 40 से ज्यादा ड्रोन हमले किए जाने की योजना थी.

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