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महागठबंधन की महारैली में रंगभूमि मैदान से विपक्ष ने भरी हुंकार, 2024 का किया शंखनाद

पूर्णिया का रंगभूमि मैदान एक बार फिर राजनीतिक हुंकार का गवाह बना। शनिवार को इसी मैदान से विपक्षी दलों ने एकजुटता के साथ 2024 में भाजपा मुक्त भारत बनाने का शंखनाद किया। महागठबंधन की ओर से आयोजित महारैली में सभी सात घटक दल जदयू, राजद, कांग्रेस, हम, सीपीआई, सीपीएम एवं माले के नेताओं ने एकजुट होकर लोकसभा चुनाव लड़ने का संकल्प जताया तो एजेंडा भी उभरकर सामने आया।

विपक्षी नेताओं के भाषण का लब्बोलुआब
विपक्षी नेताओं के भाषण का लब्बोलुआब यही था कि आगामी लोकसभा चुनाव में मोदी सरकार की वादा खिलाफी, बिहार के साथ नाइंसाफी, सांप्रदायिक सद्भाव पर जोर और बिहार को विशेष राज्य का दर्जा विपक्ष का मुख्य मुद्दा रहने वाला है। गुजरात की जगह बिहार मॉडल पूरे देश में लागू करने की भी बात हुई। यानी इस रैली के बहाने विपक्षी दलों ने लोकसभा चुनाव का आगाज कर दिया है। इसी रंगभूमि मैदान से सटे इंदिरा गांधी मैदान में पिछले 23 सितंबर को केंद्रीय गृह राज्य मंत्री और भाजपा के नंबर दो माने जाने वाले अमित शाह ने भी रैली का आयोजन किया था। उसके बाद से ही उनका जवाब विपक्ष की ओर से आने की अपेक्षा थी। उसके पांच माह बाद महागठबंधन की यह रैली आयोजित की गई, जिसमें विपक्षी दलों ने केंद्र सरकार को कटघरे में खड़ा किया।

मोदी सरकार पर वादा खिलाफी का आरोप
महागठबंधन का नेतृत्व कर रहे व पीएम मेटेरियल माने जा रहे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मोदी सरकार पर वादा खिलाफी का आरोप मढ़ा। कहा कि भाजपा ने 2015 के चुनाव में भाजपा ने बिहार को विशेष मदद देने का वादा किया था। कहा था एक लाख 25 हजार करोड़ रुपये का विशेष पैकेज दिया जाएगा। जनता ने उन पर भरोसा जताया, वे भी उनके साथ रहे लेकिन बिहार के साथ सौतेला व्यवहार किया गया। उन्होंने हिसाब भी बताया कि केंद्र ने मात्र 59 लाख की मदद दी। सीमांचल के लिए मंजूर एअरपोर्ट पर भी बोले। कहा कि सबसे पहले पूर्णिया में हवाई अड्डा का निर्माण होना था। केंद्र सरकार के निर्देशानुसार जमीन भी दी गई, लेकिन अब केंद्र पैंतरेबाजी कर रहा है।

प्रचार और झूठ के आधार पर सरकार चला रही भाजपा: नीतीश
उन्होंने कहा कि अमित शाह ने भी यहां ताली बजवाईं कि पूर्णियावासियों को एअरपोर्ट दिया, लेकिन आज क्या स्थिति है, आप सब देख रहे हैं। कहा भाजपा प्रचार और झूठ के आधार पर सरकार चला रही है। वहीं, डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने रोजगार का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि जो पढ़ाई, कमाई, रोजगार का वादा किया है, उसे हर हाल में पूरा करेंगे। उन्होंने कहा कि जब-जब बिहार लड़ा है, केंद्र को हार मानना पड़ता है। उन्होंने कहा कि बिहारी गरीब जरूर है पर बुड़बक नहीं। उन्होंने एक बिहारी सब पर भारी का नारा भी दिया।

लालू ने भी अपने पुराने अंदाज में किया वार
रैली में राजद सुप्रीमो लालू यादव ने भी अपने पुराने अंदाज में भाजपा पर वार किया तथा कहा कि उन्होंने ही पहले आरएसएस का रथ बिहार में रोका था। वहीं, माले के राष्ट्रीय नेता दीपांकर भट्टाचार्य ने गुजरात मॉडल पर कटाक्ष किया। कहा कि देश में गुजरात मॉडल का नहीं बिहार का मॉडल लागू किए जाने की जरूरत है। भाजपा नफरत की राजनीति करती है, लेकिन देश की बुनियाद गंगा-जमुनी तहजीब पर खड़ी है।

कांग्रेस ने एकजुटता पर दिया जोर
कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष ने भी एकजुटता पर बल दिया, लेकिन उन्होंने यह भी कहा कि भाजपा को भगाने के लिए सही समझौते के साथ चुनाव लड़ना होगा। रैली को सभी घटक दलों के प्रमुख नेताओं ने देश में संविधान बचाने और लोकतंत्र को सुरक्षित रखने के लिए देश को भाजपा मुक्त करने का आह्वान किया। रैली को एक दर्जन से अधिक मंत्री, वरिष्ठ नेताओं के साथ स्थानीय सांसद संतोष कुशवाहा, मंत्री लेशी सिंह आदि ने भी संबोधित किया।

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